By अंकित सिंह | Sep 24, 2021
आज कर्नाटक विधानसभा को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित किया। इस दौरान ओम बिरला ने कहा कि जब संविधान का मसौदा तैयार किया गया था, तो भावना हमारे विधायी को अधिक जागरूक, कर्तव्यपरायण, ईमानदार और जिम्मेदार बनाने की थी ताकि लोगों की सामाजिक और आर्थिक बेहतरी के लिए मार्ग प्रशस्त किया जा सके। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा बनाए गए कानूनों पर व्यापक चर्चा करना हमारा कर्तव्य है। इसमें विधायकों की अधिक सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए ताकि बनने वाले कानूनों पर कोई सवाल न उठाया जा सके।
विधान सौध में आज कर्नाटक विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए ओम बिरला ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि देखा जा रहा है कि विधानमंडलों में कानून बनाते समय जिस तरह की व्यापक चर्चा होनी चाहिए, वह नहीं हो रही है। यह चिंता का विषय है क्योंकि जनप्रतिनिधि जनता से सीधे जुड़े हुए हैं और उनकी कठिनाइयों को करीब से समझते हैं। इसलिए कानून बनाते समय उनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। हमें कानून बनाते समय अधिक सक्रिय भागीदारी का प्रयास करना चाहिए, चर्चा होनी चाहिए और सदन में कोई बाधा या हंगामा नहीं होना चाहिए।
इससे पहले ओम बिरला ने कहा कि समृद्ध परंपराओं, संस्कृति व इतिहास के लिए प्रसिद्ध कर्नाटक, लोकतंत्र के उद्भव के प्रारंभिक केंद्रों में एक है। प्राचीन काल से स्वतंत्रता संग्राम तथा आजादी के बाद से आज तक कर्नाटक के नागरिकों की उपलब्धियों ने देश को गौरवान्वित किया है। कर्नाटक की यात्रा मेरे लिए सौभाग्य की बात है। वहीं, कर्नाटक विधानसभा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को वर्ष 2020-21 का सर्वश्रेष्ठ विधायक नामित किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।