By अनन्या मिश्रा | Nov 12, 2024
कई रिसर्चों में यह सामने आया है कि लाइफस्टाइल डिजीज खासकर ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ब्रेन स्ट्रोक होने के कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं।
शुरूआती लक्षण
अगर ब्रेन स्ट्रोक के शुरूआती लक्षणों की बात की जाए, तो इसमें व्यक्ति को बोलने में परेशानी होने लगता है। इसके अलावा इसके लक्षणों में जैसे कंफ्यूजन होना, चक्कर आना और सिर दर्द होना आम बात है। इसके साथ ही दोनों आंखों से कम या साफ न दिखना और शरीर के किसी भी हिस्से में कमजोरी आना शामिल है।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
बता दें कि ब्लड वेसेल्स के ब्लॉक होने की वजह से खून हमारे ब्रेन तक नहीं पहुंच पाता है। जिस वजह से व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है। ब्लड प्रेशर के मरीज की ब्लड वेसेल्स समय के साथ बंद होने लगती हैं। ऐसे में अगर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में नहीं रखा जाएगा, तो ये वेसेल्स पूरी तरह से भी बंद हो सकती हैं। क्योंकि वेसेल्स के बंद होने पर ब्रेन तक ब्लड का जाना मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से स्ट्रोक की संभावना अधिक रहती है।
ऐसे में जितना ज्यादा व्यक्ति के ब्लड प्रेशर में फर्क आएगा, उतना ही ज्यादा ब्लड वेसेल्स के बंद होने की संभावना रहेगी और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगेगा। हाई और लो ब्लड प्रेशर के साथ वालों को यह स्थिति और भी ज्यादा परेशान कर सकती हैं। इसलिए बीपी को हमेशा बैलेंस में रखना जरूरी होता है।
कैसे करें बचाव
ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचाव करने के लिए हमेशा अपना ब्लड प्रेशर मेंटेन करके रखें। ध्यान रखें कि नॉर्मल टार्गेट 130 से कम रहे और लो ब्लड प्रेशऱ 85 से कम न रहे।
ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं, तो इसको रेगुलर रखें। दवा में गैप न होने दें।
खाने में नमक का सेवन कम करें और सलाद या फिर फल आदि में नमक डालकर न खाएं। वरना आपका ब्लड प्रेशर बिगड़ सकता है।
खाने में सेंधा नमक की जगह सादे नमक का इस्तेमाल करें। क्योंकि इसको ज्यादा क्लीन तरीके से बनाया जाता है।
डेली एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए।
मेडिटेशन करना चाहिए और गुस्से को कंट्रोल में रखें। साथ ही अपने इमोशन को भी कंट्रोल में रखें।