By अभिनय आकाश | Jul 18, 2020
राजस्थान के सियासी हलचल के बीच राहुल गांधी का रूख सामने आया। एनएसयूआई की एक बैठक में उन्होंने कहा कि जिन्हें जाना है वो जाए। सचिन पायलट को मनाने की तमाम कोशिशों के बीच राहुल ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि जिसे जाना है वो जाएगा। पार्टी छोड़कर जाने वालों से डरने की जरूरत नहीं है। इससे आप जैसे युवा नेताओं के लिए नए मौकों के दरवाजे खुलेंगे।'
राहुल ने पार्टी के छात्र संगठन, एनएसयूआई की बैठक को संबोधित करते हुए किसी भी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिरा भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य और हाल ही में डिप्टी सीएम और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट से जोड़ कर देखा गया। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य की चुनौतियों के बारे में बात की और आने वाले महीनों में कई अलग-अलग परिदृश्यों की पेशकश की।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार उन्होंने कहा, "आप देख रहे होंगे कि कुछ लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। आपको इन घटनाक्रमों के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए बल्कि यह आपके लिए रास्ते खोलेगा। अखबार की खबर के मुताबिक राहुल ने दुम दबा के भाग गए जैसे मुहावरे का भी प्रयोग किया। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने राहुल द्वारा इस तरह कि किसी भी टिप्पणी किये जाने से इंकार किया है।
राहुल के ताजा बयान से उन संभावनाओं को झटका लगा है जिनमें कहा जा रहा था कि सचिन की पार्टी में अब भी वापसी की संभावना है। हालांकि अब ऐसा होना मुश्किल लग रहा है। पायलट सहित 18 बागी विधायकों ने स्पीकर के नोटिस के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय का रुख किया है।
कांग्रेस की ओर से इस तरह की खबरों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सिर्फ छात्रों व युवाओं से जुड़े मुद्दों पर ही बात हुई थी। एक निजी चैनल की खबर के अनुसार पूर्व उप मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट को प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ बातचीत के तीन घंटे बाद बर्खास्त कर दिया गया। सूत्रों ने 'इस नेता' के हवाले से कहा, एक तरफ कांग्रेस 'दरवाजे खुले' होने की बात करती है और दूसरी तरफ मुझे बर्खास्त कर दिया जाता है और अयोग्यता नोटिस भेजा जाता है।