By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 16, 2024
दावोस। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के एक शीर्ष अधिकारी ने वैश्विक महामारी कोष में योगदान देने के लिए भारत और अन्य देशों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुनिया भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने के लिए अब भी पूरी तरह तैयार नहीं है और काफी काम किए जाने की जरूरत है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक से इतर डॉ. क्रिस्टोफर जे. एलियास ने कहा कि हमने कोविड-19 के बाद सबक सीखा है, लेकिन और प्रयास तथा चर्चा की जरूरत है। इसमें वित्तीय जरूरत भी शामिल है। विश्व आर्थिक मंच में ‘बीमारी एक्स’ चर्चा के अहम क्षेत्रों में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘‘इबोला फैलने के बाद करीब आठ साल पहले वाकई एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू हुई थी और यह चर्चा कोविड-19 के बाद इस बात पर बहुत स्पष्ट ध्यान केंद्रित करती है कि दुनिया को बेहतर तरीके से तैयार रहने की आवश्यकता है।’’ डॉ. एलियास ने कहा, ‘‘दुनिया को उन संक्रमण और बीमारियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है, जिन्हें हम जानते हैं, जैसे कि इन्फ्लूएंजा, लेकिन जिन बीमारियों को हम नहीं जानते हैं और जो नयी बीमारियां हो सकती है, उनके लिए भी तैयार रहने की जरूरत है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम पूरी तरह तैयार हैं।’’
एलियास ने इस बात पर गौर किया कि दुनिया के पूरी तरह तैयार होने के लिये क्या किये जाने की आवश्यकता है, इसपर काफी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एक समझौते पर बातचीत की प्रक्रिया में है और देशों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहा है कि क्या करने की जरूरत है और इसे कैसे वित्तपोषित किया जाएगा।
गेट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इंडोनेशिया में दो साल पहले जी20 शिखर सम्मेलन में एक महामारी कोष बनाया गया और भारत समेत दुनिया के कई देशों ने उसमें योगदान दिया। वह एक शुरुआत थी और यह अभी तक दो अरब डॉलर तक पहुंच गया है, लेकिन जाहिर है कि यह पर्याप्त नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने 10 साल से भी अधिक समय पहले पोलियो का खात्मा कर दिया था, लेकिन दुनिया में कुछ और स्थान हैं, जहां इसे खत्म करना है और हमें उम्मीद है कि एक या दो साल में हम पोलियो का दुनियाभर से उन्मूलन कर देंगे।