बीजिंग। चीन ने आज भारत को चेतावनी दी कि दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का सीमा विवाद के समाधान पर बुरा असर पड़ेगा साथ ही उसने भारत पर तिब्बत के मुद्दे पर प्रतिबद्धता के उल्लंघन का आरोप लगाया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए ‘‘आगे कार्रवाई’’ करेगा साथ ही तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु और अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांड़ू के उस भड़काऊ बयान की तीखी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सिर्फ तिब्बत के साथ अपनी सीमा साझा करता है चीन के साथ नहीं।’’
चार अप्रैल को दलाई लामा की यात्रा की शुरुआत के बाद अब तक की सर्वाधिक कठोर टिप्पणी में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा कि उनके ‘‘भड़काऊ’’ बयानों ने ‘‘धार्मिक क्रियाकलापों की हदों को पार कर लिया है।’’ ल्यू ने कहा कि चीन की आपत्तियों के बावजूद भारत दलाई लामा की ‘‘भारत चीन सीमा के विवादित पूर्वी क्षेत्र’’ में यात्रा के लिए अड़ा रहा।’’ प्रवक्ता ने हालांकि खांडू का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि ‘‘कुछ खास भारतीय अधिकारी’’ भड़काऊ राजनीतिक बयानबाजी में लिप्त रहे हैं। ‘‘यह दिखाता है कि 14वें दलाई लामा की गतिविधियां जिसे भारतीय पक्ष धार्मिक गतिविधियां होने का दावा कर रहा था, उसकी हद को पहले ही पार कर गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जो किया है वह तिब्बत से जुड़े मुद्दे के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता का उल्लंघन है और इसका दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय विवाद का बातचीत के जरिए हल निकालने पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
ल्यू ने कहा कि चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए ‘‘आगे कार्रवाई’’ करेगा। उन्होंने कहा, ''चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष अभ्यावेदन दे दिया है। हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए आगे कार्रवाई करेंगे।’’ ल्यू ने कहा कि दलाई लामा के ‘‘शर्मनाक प्रदर्शन’’ का भारत और चीन के बीच क्षेत्रीय विवाद के उचित समाधान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’ चीन दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश खासकर तवांग की यात्रा का विरोध कर रहा है जिसे वह दक्षिण तिब्बत मानता है। चीनी मीडिया और विदेश मंत्रालय ने लगातार उनकी यात्रा का विरोध किया है।