By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 10, 2019
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका और चीन व्यापार समझौता करने के ‘बहुत करीब’ पहुंच चुके थे लेकिन बीजिंग ने इस बारे में फिर से सौदेबाजी शुरू कर दी। हालांकि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अपने बीच चल रहे भीषण व्यापार युद्ध को खत्म करने के लिए किसी समझौते के आस-पास भी पहुंचते नहीं दिख रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: उत्तरी कोरियाई नेता किम ने दिया ‘लंबी दूरी के हमले’ का अभ्यास करने का आदेश
ट्रंप सरकार ने शुक्रवार को चीन से आयात किए जाने वाले 200 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। जबकि चीन ने इस पर जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ट्रंप ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा कि यह कदम चीन को रोकने के लिए जरूरी था। पिछले साल मार्च में ट्रंप के चीन से आयातित इस्पात और एल्युमीनियम पर भारी आयात शुल्क लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है। इससे वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने का भय छा गया है। इसके जवाब ने चीन ने भी अमेरिकी आयात पर शुल्क लगा दिया है।
इसे भी पढ़ें: ईरान ने जानबूझकर परमाणु समझौते पर अस्पष्ट घोषणा की: पोम्पिओ
ट्रंप ने कहा कि हम समझौता करने के ‘बहुत करीब’ थे लेकिन उन्होंनेफिर से सौदेबाजी शुरू कर दी। हम यह नहीं कर सकते। बाद में चीन के उप प्रधानमंत्री लियू ही ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर के साथ बैठक की। ट्रंप ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि उनके देश को शुल्क से एक साल में 120 अरब डॉलर मिल सकते हैं जिसमें से अधिकतर चीन चुकाता है। चीन के आयात पर शुल्क लगाया जाए या न लगाया जाए इन दोनों की स्थितियों को लेकर ट्रंप सहज प्रतीत होते हैं।