By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 13, 2022
चंडीगढ़ । हरियाणा के ‘सेवा का अधिकार आयोग’ द्वारा समय पर अपनी सेवा न देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है, इसी कड़ी में सही ढंग से सेवा न देने पर नगर निगम गुरुग्राम के एक वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक को आयोग ने 20 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। यही नहीं आयोग ने गुरुग्राम के आयुक्त को अगले 30 दिन में सभी कर्मचारियों को सेवा के अधिकार के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग की सचिव सुश्री मीनाक्षी राज ने बताया कि ‘सेवा का अधिकार आयोग’ काम के प्रति ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा परिकल्पित सुशासन के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए आयोग लगन से काम कर रहा है।
हरियाणा सरकार द्वारा ऑटो अपील सिस्टम (एएएस) की क्रांतिकारी पहल के माध्यम से निर्धारित समय सीमा के भीतर सेवा नहीं देने पर लाभार्थियों को संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी को अपील का अधिकार दिया जाता है। कार्य के सुचारू रूप से कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कभी-कभी आयोग को लापरवाही या कार्य में देरी के मामले में संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने में कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं।
मीनाक्षी राज ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर-12ए निवासी एक व्यक्ति द्वारा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की कमी की शिकायत की गई थी जिस पर आयोग ने तत्काल संज्ञान लिया और जांच में यह पाया गया कि शिकायत सही है। क्षेत्र के वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक के काम में लापरवाही मिली जबकि उसके पास 1600 सफाई कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि आयोग ने कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक ऋषिपाल मलिक पर 20,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि संबंधित अधिकारी को उनके द्वारा दी जा रही विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत निर्धारित सेवा के अधिकार (आरटीएस) समय सीमा के बारे में जानकारी नहीं थी। इसलिए ‘सेवा का अधिकार आयोग’ के मुख्य आयुक्त श्री टीसी गुप्ता ने नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त को निर्देश दिए कि वे अपने अधीन काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सेवा के अधिकार पर प्रशिक्षण आयोजित करें। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन या वीसी के माध्यम से प्रशिक्षण हो सकता है। यही नहीं इन आदेशों के जारी होने के 30 दिनों के भीतर अनुपालन की रिपोर्ट दें।