दुनिया की सबसे बड़ी रामोजी फ़िल्म सिटी आठवें आश्चर्य से कम नहीँ है। हैदराबाद स्थित इस अजूबे को देखने का अवसर कुछ समय पूर्व मुझे भी मिला तो यकीन नही हुआ क्या भारत की धरती पर ऐसा भी जादुई संसार है। आश्चयों से भरी एक मुक्कमल नगरी जिसका अपना अलग ही वजूद है। प्रकृति की सुंदरता और स्वच्छ वातावरण मन को मोह लेता है। हैदराबाद से कार से करीब पोन घंटे के सफर के बाद हमारे सामने थी सपनों की यह मायावी दुनिया। प्रवेश द्वार आकर्षक और भव्य है। टिकिट लेकर अंदर प्रवेश करने पर किंकर्तव्य विमूढ़ हो गए विशाल परिसर देख कर कि किधर से शुरू करें अपनी यात्रा। हमने वहां भृमण कराने वाली बस का सहारा लेना उचित समझा।
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फ़िल्म सिटी में रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, कोर्ट, अस्पताल, महल, मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा, खेल का मैदान, जंगल, समुंदर, नदियाँ, शहर, गांव, सेंट्रल जेल, ईटीवी प्लेनेट, ताल, कृत्रिम जलप्रपात, शॉपिंग कॉपलेक्स, खूबसूरत इमारतें, देहाती दुनिया, स्लम, राजपथ,एशिया का सबसे बड़ा ऐडवेंचर पार्क, बच्चों का किड पार्क, ऊंची इमारतों वाली प्रिंसेस स्ट्रीट, इतिहास की घटनाओं को बताने वाली कृपालु केव्स, जैपनीज गार्डन, सन फाउंटेन गार्डन, बोरासोरा, सेंक्चुरीज गार्डन, एंजेलस फाउंटेन, बर्ड पार्क, मुगल गार्डन, आदि किसी आश्चर्य से कम नहीं थे। देख कर लगा पूरी फिल्म ही यहीं पर बन जाये, कहीं जाने की जरूरत ही नहीं। यहां फिल्मों के कुछ सेट प्राचीन राजा-महाराजाओं के किलों की याद दिलाते हैं तो कुछ देश में बॉलीवुड का दर्शन कराते हैं। भगवंत हॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का विशेष केंद्र हैं जिसका मैथोलोगिकल महत्व है जिसमें भगवान कृष्ण एवं दुर्योधन का दरबार आदि प्रमुख आकर्षण है। बोरसोरा का थ्रिल पार्क रोमांच एवं रहस्य का अनूठा संसार है।
गाइड ने हमें बताया कि रामोजी फिल्म सिटी में फ़िल्म के पूर्व-निर्माण, निर्माण और पश्चात निर्माण की तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें 500 से ज्यादा सेट लोकेशन हैं। सैंकड़ों उद्यान, पचास के करीब स्टूडियो फ्लोर, अधिकृत सेट्स, डिजिटल फिल्म निर्माण की सुविधाएं, आउटडोर लोकेशन, उच्च-तकनीक के लैस प्रयोगशालाएं, तकनीकी सहायता सभी मौजूद है। फिल्म की जरूरत में कॉस्ट्यूम डिजाइन लोकेशन, मैक-अप, सेट-निर्माण, तैयार साज-सज्जा, कैमरा, फिल्म निर्माण उपकरण, ऑडियो प्रोडक्शन, डिजीटल पोस्ट प्रोडक्शन और फिल्म प्रोसेसिंग की व्यवस्था भी शामिल हैं। यहां एक साथ कम से कम बीस विदेशी औऱ चालीस देशी फिल्में बनाई जा सकती हैं। यहां न केवल देशी, बल्कि विदेशी फिल्म निर्माता भी फ़िल्म निर्माण के लिये आते हैं। बाहुबली फ़िल्म का बड़ा झरना इसी में बनाया गया। कृष, दिलवाले, चेन्नई एक्प्रेस, गोलमाल, आल द बेस्ट, डर्टी, जासूस जैसी अनेक फिल्में यहां शूट की गई। यहां फिल्मांकन की लंबी फेरिस्त है।
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फिल्म सिटी विश्व पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है जहां हर साल करीब दस लाख पर्यटक आते हैं। प्रतिदिन करीब पांच हज़ार दर्शक यहां आते हैं। फिल्म स्टूडियों इन पर्यटकों के लिए खास आकर्षण होते हैं। फिल्म सिटी नवविवाहित जोड़ों के लिए हनीमून पैकेज भी देती है। यह शादी करना और हनीमून मनाने की आदर्श जगह है। इससे फिल्म सिटी को अरबों की आमदनी होती है। पर्यटकों के घूमने केलिए विशेष प्रकार का खुला वाहन होता है, जिस पर गाइड की सुविधा भी रहती है। वह रास्ते भर फ़िल्म स्टूडियों की विशेताएँ एवं फिल्मों की शूटिंगों के बारे में रोचक तरीके से जानकारी देता है।फिल्म सिटी के प्रवेशद्वार पर एक तीन-सितारा होटल तारा और पंच सितारा होटल सितारा फिल्म स्टूडियो की सुंदरता में चार चांद लगाती है। होटल के एक ओर हवा महल है जहां से फिल्म सिटी का विहंगम स्वरूप देखा जा सकता है। परिसर में खानपान की एवं जनसुविधाओं की पर्याप्त अच्छी व्यवस्था है। यूरेका में चार अलग-अलग रेस्तरां हैं।
सुबह से शाम तक रामोजी फ़िल्म सिटी को देखना प्रत्येक पर्यटक के लिए एक रोचक अनुभव होगा। दर्शकों के लिये प्रातः 9 बजे से साय 5 बजे तक खुला रहता है। टिकट की दरें समय-समय पर बदलती रहती है। कैमरा भी किराये पर मिल जाता है।
रामोजी फ़िल्म सिटी हैदराबाद से 25 किमी दूर विजयवाड़ा मार्ग पर स्थित है। सम्पूर्ण सीटी करीब दो हज़ार एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित है जिसकी स्थापना दक्षिण के मशहूर फिल्म निर्माता और मीडिया बैरॉन श्री रामोजी राव ने वर्ष 1996 में की थी। भारतीय फिल्मकारों की कल्पना के अनुरूप फ़िल्म सिटी का निर्माण किया गया।
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
लेखक एवं पत्रकार