बारिश के कारण एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका की टीम विश्व कप का मैच जीतने से वंचित रह गई। जिम्बाब्वे ने उसे टी20 विश्व कप में नौ ओवर में 80 रन का लक्ष्य दिया था जो बाद में सात ओवर का 64 रन कर दिया गया। दक्षिण अफ्रीका ने बिना किसी नुकसान के 51 रन बना लिये थे लेकिन बारिश एक बार फिर उसकी दुश्मन साबित हुई। बार बार बारिश के कारण मैच रद्द कर दिया गया। क्विंटन डिकॉक 18 गेंद में नाबाद 47 रन बनाकर खेल रहे थे।
तीन दशक पहले 1992 वनडे विश्व कप सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को बारिश का कहर झेलना पड़ा था। उस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टीम की वापसी ही हुई थी। इससे पहले हरफनमौला वेसले माधेवेरे के 18 गेंद में 35 रन की मदद से जिम्बाब्वे नेवर्षाबाधित मैच में नौ ओवर में पांच विकेट पर 79 रन बनाये। वेसले को 11 रन पर जीवनदान मिला जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। एक समय जिम्बाब्वे का स्कोर चौथे ओवर में चार विकेट पर 19 रन था।
बारिश के कारण मैच दो घंटे विलंब से शुरू हुआ। इसकी वजह से मैच प्रति ओवर नौ टीम का कर दिया गया जिसमें पावरप्ले के तीन ओवर थे। जिम्बाब्वे के कप्तान क्रेग इरविन ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का हैरानी भरा फैसला लिया क्योंकि बारिश के कारण डकवर्थ लुईस प्रणाली से मैच का फैसला होने की संभावना थी। इरविन का फैसला गलत साबित हुआ क्योंकि उनके शीर्ष चार बल्लेबाज कोई योगदान नहीं दे सके।
दक्षिण अफ्रीका के लिये लुंगी एंगिडि ने 20 रन देकर दो विकेट लिये। उन्होंने रेजिस चकाब्वा (8) और सिकंदर रजा (0) को आउट किया। वेन परनेल ने इरविन (दो) को सस्ते में पवेलियन भेजा। तीसरे नंबर पर भेजे गए सीन विलियम्स रन आउट हो गए। एंगिडि ने वेसले का कैच केशव महाराज की गेंद पर छोड़ा जिस समय उन्होंने 11 रन ही बनाये थे। इसके बाद उन्होंने आठवें ओवर में कैगिसो रबाडा को एक छक्का और दो चौके जड़ डाले।