अयोध्या। सावन के पहले सोमवार पर राम नगरी में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। जहां सरयू नदी में स्नान कर भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक कर रहे है। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए शिव मंदिरों के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा है। और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दूर से ही जल चढ़ाने की अनुमति दी गई है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है। सावन माह प्रारंभ के साथ पहला सोमवार को बड़ी संख्या में शिव भक्त भगवान भोले नाथ का अपने श्रद्धा से अभिषेक विधि विधान रहते हैं। जिसको लेकर आज नागेश्वरनाथ मंदिर पर पूजन अर्चन करने दूर दराज से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। जहाँ पहले सरयू नदी में स्नान कर फिर भगवान की स्तुति कर रहे हैं। अयोध्या में भगवान नागेश्वरनाथ व क्षीरेश्वर नाथ महादेव के प्राचीन मंदिर है जहां सावन के प्रारंभ पर लाखों कावड़िया सरयू में जल भरने अयोध्या पहुंचते हैं लेकिन वर्ष भी कावड़ यात्रा पर रोक लगा दिया गया है। तो वहीं अयोध्या के संत भी शिव भक्तों से महामारी का ध्यान रखते हुए दर्शन पूजन करने की अपील कर रहे हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने शिव भक्तों से अपील करते हुए कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं लेकिन यह महामारी अभी समाप्त नहीं हुआ है ऐसे में हम सभी इस बात का जरूर ख्याल रखें की किसी भी प्रकार से महामारी ना बढ़ने पाए और लोग सोशल डिस्टेंस के साथ ही मंदिरों में पूजन अर्चन करें तो वही कहा कि अधिकतर प्रयास करें कि वह अपने घर के निकट ही भोलेनाथ को अभिषेक करें अधिक आवश्यकता पड़ने पर ही बाहर जाएं। वही हरिधाम पीठ के महंत जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि आज भोलेनाथ का पर्व है और बड़ी संख्या में लोग भगवान का दर्शन पूजन करते हैं लेकिन इस को ध्यान में रखते हुए अपने घरों पर ही भगवान का अर्चन करें अधिक भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएगा।