राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई : Mayawati

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 27, 2024

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि उन्‍होंने केन्द्र सरकार की पिछले 10 वर्षों की जो उपलब्धियां गिनाई हैं, वे जमीनी हकीकत में बहुत कम तथा हवाहवाई ज्यादा हैं। मायावती ने एक्‍स पर पोस्ट किया, आज राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में केन्द्र सरकार की पिछले 10 वर्षों की जो उपलब्धियां गिनाई हैं, वे जमीनी हकीकत में बहुत कम तथा हवाहवाई ज्यादा हैं। 


बसपा प्रमुख ने अपने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, केंद्र सरकार देश में बढ़ रही गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई तथा कमजोर वर्गों की समस्याओं को भी लेकर कतई गंभीर नहीं है। अगले पांच वर्षों के उसके रोडमैप में भी कोई खास दम नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर होगा कि राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में सांसदों को आरोप-प्रत्यारोप के बजाय जनहित के जरूरी मामलों में सरकार का ध्यान खींचना चाहिए। 

 

इसे भी पढ़ें: Gujarat : स्वर्ण मंदिर में योग को लेकर फैशन डिजाइनर को धमकी मामले में FIR दर्ज


राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को 18वीं लोकसभा में पहली बार दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, पिछले दस साल में आठ प्रतिशत की दर से औसत विकास हुआ है जबकि यह कोई सामान्य काल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘यह विकास दर विश्व के विभिन्न हिस्सों में वैश्विक महामारी और संघर्ष के बीच हासिल की गयी है। यह पिछले दस वर्ष में सुधारों का परिणाम है। अकेले भारत ने वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान दिया है। मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है।

प्रमुख खबरें

Yogini Ekadashi 2024: दो दुर्लभ संयोग में किया जा रहा योगिनी एकादशी का व्रत, ऐसे करें श्रीहरि का पूजन

Yogini Ekadashi 2024: 02 जुलाई को किया जा रहा योगिनी एकादशी का व्रत, जानिए पूजन विधि और मुहूर्त

नए आपराधिक कानूनों ने पुराने व जटिल ब्रिटिश युग के कानूनों का स्थान लिया है: Dhami

राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करूंगा : Siddaramaiah