166 सालों के इतिहास में जिस बीमारी ने रेल पर भी लगवाया ताला, स्टेज 3 में पहुंचा या नहीं अगले कुछ घंटे में पता चलेगा

By अभिनय आकाश | Mar 23, 2020

इतना खामोश पहले कभी नहीं देखा गया दिल्ली को जब अनजाने खौफ के लिफाफे में लिपटी दिल्ली चुप है, सड़कें सुनी हैं, सन्नाटा ही सन्नाटा है। ये सन्नाटा देखने में बुरा तो है लेकिन इस चुप्पी में बेहतर भविष्य की परिकल्पनाएं हैं। कोरोना को रोकने के लिए एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू के बाद देश के 75 ज़िलों में पूर्णत लाकडाउन। देश में सभी यात्री ट्रेनों को 31 मार्च तक के लिए रोक दिया गया है। सभी मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन 31 मार्च तक बंद रहेंगी। 

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166 सालों के बाद रेल परिचालन बंद

भारत में ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद दुनियाभर में दो विश्व युद्ध हुए। फिर बंटवारा हुआ। इसके अलावा भारत ने इस दौरान कई महामारियों का भी सामना किया लेकिन इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। इंडियन रेलवे ने 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद करने का फैसला किया है। बता दें कि 166 सालों में ये पहली बार हुआ है जब indian railway ट्रेनों का संचालन बंद कर रहा है। भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन मुंबई से थाणे के बीच 16 अप्रैल 1853 के दिन शुरू हुई थी।

बिना दवाई के चीन ने कैसे पाया काबू

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति के संपर्क में आने से 2.6 लोग भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। चीन ने प्रसार की इन्हीं पीढ़ी को तोड़ा। चीन ने इस चेन को ब्रेक करने के लिए लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी, ताकि ये फैले न। लॉकडाउन के आदेश के बाद सड़के खाली, दुकानें बंद। कोई किसी के संपर्क में नहीं। ये लोगों के घरों में बंद होने का ही परिणाम है कि पिछले तीन दिनों में चीन में एक भी कोरोना का स्थानीय मामला सामने नहीं आया है।

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भारत की स्थिति

भारत की बात करें  तो पहले 40 दिनों में भारत में कोरोना वायरस के एक से लेकर 50 मामले सामने आए थे। फिर चार दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्या 50 से बढ़कर 100 पहुंच गई। फिर अगले चार दिनों में ये संख्या बढ़कर 100 से 150 पहुंच गई। इसके बाद कोरोना वायरस तेजी से फैलने लगा और अब ये संख्या डेढ़ सौ से बढ़कर 200 हो गई है। इसके बाद फिर चार दिन में 50 और अब एक दिन में 50 से ज्यादा मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

लॉकडाउन कितना कारगर 

भारत में लोगों को अलग-थलग करने के लिए सरकार ने कई सख्त क़दम उठाए हैं। वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश के 75 ज़िलों में लॉकडाउन किया गया है। कई राज्यों में तो पूरी तरह लॉकडाउन है। रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। ज़रूरी सामानों की आपूर्ति होती रहे इसलिए माल गाड़ी चलती रहेंगी। अलग-अलग शहरों में मेट्रो सेवाएँ भी बंद की गईं। अंतरराज्यीय बस सेवाएँ भी बंद की गईं। हांलाकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना को हराने के लिए शहरों और देशों को लाकडाउन करने से ही काम नहीं चलेगा। लाकडाउन के साथ जन स्वास्थ्य के पर्याप्त कदम उठाते रहने होंगे नहीं तो यह बीमारी फिर पनप सकती है।

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आइसोलेशन, आइसोलेशन, आइसोलेशन

कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट करना जरूरी वहीं भारत का कहना है कि आइसोलेशन सबसे महत्वपूर्ण है। आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हमें संक्रमण के चेन को तोड़ना है और इसके लिए आइसोलेशन सबसे जरूरी है। हम टेस्ट की होड़ में नहीं जाना चाहते, बिना वजह जांच से हमें बचने की जरूरत है।

RSS पहुंचाएगा जरूरतों तक मदद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लॉकडाउन वाले राज्यों में लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए पहल की है। संघ ने अपने स्वयंसेवकों को जरूरतमंदों तक भोजन सामग्री पहुंचाने की अपील की है। संघ ने स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की भी अपील की है। 

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ICMR देगा अहम जानकारी 

देश में कोरोना वायरस फिलहाल स्टेज 2 पर है। यानी अभी यह स्थानीय स्तर पर लोगों को संक्रमित कर रहा है। लेकिन यह स्टेज तीन यानी सामुदायिक संक्रमण पर पहुंच गया तो दिक्क्त हो जाएगी। इसलिए अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हुए हैं। आईसीएमआर ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के प्रसार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी कल सामने आ सकती है।

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