By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 07, 2019
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले के विरोध और कश्मीरियों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए रविवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से नियंत्रण रेखा (एलओसी) की ओर बढ़ रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हालांकि शनिवार को प्रदर्शनकारियों को आगाह किया था कि वे कश्मीरी लोगों की मानवीय सहायता या समर्थन के लिए नियंत्रण रेखा पार नहीं करें क्योंकि ऐसा करके आप ‘भारत की ओर से पेश विमर्श के जाल में फंसेंगे।’ प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा हैं और रविवार को इन्होंने गढ़ी दुपट्टा से मार्च की शुरुआत की। प्रदर्शनकारी पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद से शनिवार को गढ़ी दुपट्टा पहुंचे थे और रात वहीं रुके थे। रविवार को वे मुजफ्फराबाद-श्रीनगर राजमार्ग पर आगे बढ़े लेकिन प्रशासन ने नियंत्रण रेखा से छह से आठ किलोमीटर पहले ही जिसकूल में कंटीले तार और कंटेनर से रास्ते को बाधित कर दिया।
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कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक हटाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। अन्य ने कंटेनर पर चढ़कर अवरोधक पार करने की कोशिश लेकिन भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी की वजह से वे सफल नहीं हुए। इस प्रदर्शन का आयोजन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने किया था। जेकेएलएफ के स्थानीय नेता रफीक डार ने मीडिया को बताया कि प्रदर्शनकारियों को एलओसी से तीन किलोमीटर दूर चकोटी तक जाने की इजाजत देने के लिए प्रशासन को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि वे शांतिपूर्ण मार्च को चकोटी तक जाने की अनुमति देंगे। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और हम किसी तरह का विवाद नहीं चाहते।’’ डार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह ने भी उनसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत और पाकिस्तान से शांतिपूर्ण मार्च पर बल प्रयोग नहीं करने को कहा है।
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उल्लेखनीय है कि प्रदर्शन के आयोजकों ने इसे ‘ आजादी मार्च’ करार देते हुए घोषणा की थी कि वे एलओसी पार कर कश्मीर के लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करेंगे। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी भारत विरोधी नारे लगा रहे थे और उनके हाथों में भारत विरोधी संदेश वाले बैनर थे। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को मार्च शुरू किया था और पीओके के विभिन्न हिस्सों से मुजफ्फराबाद एकत्र होकर एलओसी की ओर रवाना हुए थे। शनिवार रात को वे गढ़ी दुपट्टा रुके थे। इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका के सीनेटर क्रिस वान होलेन से अपील की है कि वह जमीनी हकीकत देखने के लिए सीमा के दोनों तरफ का जायजा लें। कुरैशी ने विदेश विभाग, विदेश संचालन और संबंधित कार्यक्रम विनियोग विधेयक- 2020 में संशोधन प्रस्तावित करने और कश्मीर में कथित मानवीय संकट पर स्पष्ट रूप से चिंता जताने के लिए सीनेटर की प्रशंसा की। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर लिए हैं और भारतीय उच्चायुक्त को बर्खास्त कर दिया है।\