राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ने से मीडिया का विस्तार हुआ है और सोशल मीडिया का प्रभाव पिछले कुछ बरसों में बढ़ा है। राष्ट्रपति ने सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अखबारी पत्रकारिता का अपना एक अलग प्रभाव है क्योंकि पत्रकार अपने स्तंभ (कॉलम), खबर या टिप्पणी आदि के जरिए पाठकों के मन में एक स्थायी जगह बना लेते हैं। मुखर्जी ने यहां राजस्थान पत्रिका द्वारा आयोजित ‘प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार’ देने के बाद कहा कि पत्रकारिता का देश में एक लंबा इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष और समाज सुधार से करीबी रूप से जुड़ा हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकार और पत्रकारिता ने सामाजिक नवजागरण आंदोलन और देश के स्वतंत्रता संघर्ष में एक अहम भूमिका निभाई है।’’ उन्होंने कहा कि राजा राम मोहन राय द्वारा 1819 में शुरू किए गए ‘संवाद कौमुदी’ से लेकर ‘समाचार चंद्रिका’ और ‘मिरात उल अखबार’, महात्मा गांधी द्वारा संपादित ‘हरिजन’ और ‘यंग इंडिया’ से होते हुए विभिन्न अन्य प्रकाशनों ने भारतीय समाज और राष्ट्रीयता को संवारने में काफी योगदान दिया है।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया, ‘‘प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल से मीडिया का विस्तार हुआ है और पिछले कुछ बरसों में सोशल मीडिया का प्रभाव भी बढ़ा है।’’ मुखर्जी ने कहा कि उन्हें इस पुरस्कार को प्रदान का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने आशा जताई कि यह अन्य लोगों को भी अनुसरण करने के लिए प्रेरित करेगा और उन सभी को भविष्य के प्रयासों में सफल होने की शुभकामनाएं दीं।