By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 10, 2019
नयी दिल्ली। सरकार ने 2014 से 2019 के बीच दूरसंचार से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। यह इससे पिछले पांच साल की तुलना में छह गुना है। दूरसंचार मंत्रालय की वार्षिक आधिकारिक समीक्षा में कहा गया है, "बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं पर सरकारी खर्च में छह गुना इजाफा हुआ।
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खर्च वर्ष 2009-14 में 9,900 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2014-19 में 60,000 करोड़ रुपये (वास्तविक एवं नियोजित) रुपये हो गया है।" सरकार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऑप्टिकल फाइबर आधारित ब्रॉडबैंड नेटवर्क शुरू करने में किए गए खर्च के अलावा उसने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अब तक का सर्वाधिक खर्च किया है।
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सीमा से लगे क्षेत्रों, राजमार्गों और दूरदराज के गांवों में चल रही परियोजनाओं के लिए 10,800 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। दूरसंचार मंत्रालय ने कहा कि देश में वाई-फाई तंत्र का विस्तार करने के लिये 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इसमें ग्रामीण एक्सचेंजों में बीएसएनएल द्वारा 25,000 हॉट-स्पॉट, साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) द्वारा 7,000 हॉट-स्पॉट (ई-चौपाल) और मार्च 2019 तक 10 लाख और हॉट-स्पॉट स्थापित करने की योजना है।