By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 28, 2019
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेकांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन को अवसरवादी, वंशवादी और भ्रष्ट लोगों की ‘महामिलावट’ की संज्ञा देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि 2014 का चुनाव देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिला जनमत था और 2019 का चुनाव भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलने वाला जनमत होगा। साथ ही प्रधानमंत्री ने आसन्न चुनाव में जनता का आशीर्वाद मिलने का विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने साथ ही कहा कि महागठबंधन देश को ‘‘आईसीयू’’ में ले जाएगा। ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों से संवाद करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कहता हूं कि 2014 का चुनाव देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिला जनमत था और 2019 का चुनाव भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलने वाला जनमत होगा।’’
मोदी ने कहा कि 2014 से 2019, बुनियादी जरूरतों को हर घर पहुंचाने का समय था, फ्रेंचाइज 5 से निकलकर सशक्त अर्थव्यवस्था बनने, निराशा से आशा की ओर बढ़ने का कालखंड था जबकि 2019 से 2024 का समय तेज उन्नति के लिए उड़ान भरने, शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल होने का कालखंड होगा। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के गठजोड़ को ‘महामिलावट’ की संज्ञा देते हुए मोदी ने कहा कि यह (विपक्षी गठबंधन) खुद का अस्तित्व बचाने के लिये कांग्रेस का प्रयास है। कांग्रेस छोटे छेटे दलों के कंधों पर सवार होकर अपना अस्तित्व बचाना चाहती है। मोदी ने कहा , ‘‘ये महागठबंधन नहीं, महामिलावट है। खुद का अस्तित्व बचाने के लिए कांग्रेस छोटे-छोटे दलों का सहारा ढूंढ रही है। छोटे-छोटे दलों की बिखरी हुई ताकत के भरोसे वो फिर से अपनी जिंदगी ढूंढ रही है। ये मिलावट सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस को जीवित रखने के लिए हो रही है।’’
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उन्होंने कहा कि एक समय कांग्रेस संसद से लेकर पंचायत तक थी लेकिन आज उसे आक्सीजन की जरूरत हो रही है, उसे छोटे छोटे दलों को जोडना पड़ रहा है। मोदी ने कहा कि इस महामिलावट का हिस्सा कौन हैं? वो लोग जो कभी एक दूसरे की आंख से आंख नहीं मिलाते थे और आज वे एक दूसरे के साथ मंच साझा कर रहे हैं, गले मिल रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि सपा के लोगों ने मायावती जी के साथ कैसा व्यवहार किया था ? ममता दीदी के साथ वामपंथियों और वामपंथियों के साथ ममता दीदी ने कैसा व्यवहार किया ? उन्होंने इस संदर्भ में शरद पवार, केरल में एलडीएफ एवं यूडीएफ के संबंधों का भी जिक्र किया। विपक्षी दलों के गठबंधन पर प्रहार जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महामिलावट पानी और तेल की है, इसके बाद न तो तेल ही किसी के काम आता है और न ही पानी उपयोग करने योग्य रह जाता है।