खुशियों का दीपोत्सव आया (कविता)

By दीपक कुमार त्यागी | Oct 24, 2022

भारत को त्यौहारों का देश माना जाता है। दीपावली सबसे अधिक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार दीपों का पर्व है। कवि दीपक कुमार त्यागी ने इस कविता में दिवाली त्योहार पर होने वाली तैयारियों का बहुत सुंदर वर्णन किया है। कवि ने इस कविता में बताया है कि दिवाली पर्व खुशियों का त्योहार है।


देश में चहुं ओर छाया उजियारा,

खुशियों का पर्व दीपोत्सव आया।

 

टिमटिमाते छोटे-छोटे दीपकों से,

धरा से अंधकार को मिटाने आया।

 

प्रकाशोत्सव का यह पावन पर्व,

सबके लिए ढेरों खुशियां लाया।


मिट्टी के प्रज्ज्वलित दीपकों से,

हर घर अद्भुत रोशनियों से नहाया ।


आओ सब मिलकर हाथ बढ़ाओं,

भूलकर मनमुटाव दु:ख-दर्द सब।


दिल से खुशियां मनाते हुए अब,

दीपोत्सव का धूमधाम से स्वागत करें हम।


मन के कोने में छिपकर बैठे हुए,

घने अंधेरे को हटाने की पहल करें हम।


ऐसा कर अपनी व अपनों की दुनिया को,

दिल से वास्तव में रोशन करें हम।


आओ सब मिलकर सर्वशक्तिमान पालनहार,

ईश्वर का दिल से करें शुक्रिया हम।


प्रार्थना करें देश के हर घर-घर में,

खुशहाली लाएं मिलजुलकर हम।


अपनी मेहनत के बलबूते पर जल्द,

अब देश को विश्वगुरु बनाएं हम।


आंतक, धार्मिक उन्माद, अपराध व भ्रष्टाचार,

रूपी राक्षस को मिटाकर देश को स्वर्ग बनाएं हम।


हर घर में मां लक्ष्मी व सरस्वती का वास हो,

ऐसा खुशहाल नव भारत बनाएं हम।


देश के कोने-कोने से घने अंधेरे को,

दीपक जलाकर हमेशा के लिए भगाएं हम।


एकता अखंडता ऐश्वर्या वैभव से परिपूर्ण,

अमनचैन वाला नव भारत बनाएं हम।


- दीपक कुमार त्यागी

स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार, राजनीतिक विश्लेषक व रचनाकार

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