नोटबंदी देश को ईमानदार बनाने की कोशिश थी: रविशंकर प्रसाद

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 28, 2018

जयपुर। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को देश को ईमानदार बनाने की कोशिश बताते हुए बुधवार को कहा कि इस मामले में संसद में केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अहम की संतुष्टि के लिए बहस नहीं हो सकती। राममंदिर पर सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायरे में हर काम होना चाहिए। यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने जीएसटी व नोटबंदी का पूरा विरोध किया जबकि नोटबंदी देश को ईमानदार बनाने की कोशिश थी। (नोटबंदी से) जो पैसा वापस आया वह काले से सफेद नहीं हुआ। आज उस पैसे का कोई मालिक है उसे कर देना पड़ेगा।’’

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कांग्रेस नोटबंदी व जीएसटी को लागू किये जाने का लगातार विरोध कर रही है और राज्य के मौजूदा विधानसभा चुनाव में भी वह इसे मुद्दा बना रही है। इस पर केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, ‘‘नोटबंदी के दो साल हो गए हैं और इस पर कई बार चर्चा हो चुकी है। कई बार राहुल गांधी स्वयं नोटबंदी की चर्चा में गायब रहे, प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया है। उत्तर प्रदेश व गुजरात के चुनाव में इन्होंने नोटबंदी को विषय बनाया था जहां वे हार गए। राहुल गांधी के अहम की संतुष्टि के लिए बहस नहीं हो सकती। अगर जानकारी के आधार पर बहस करेंगे तो अच्छी बहस होगी इसमें राहुल गांधी भी उत्तर नहीं दे पाएंगे।’

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जीएसटी के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक कर प्रणाली लागू होने के बाद अभी तक लगभग 1.10 करोड़ व्यापारी इसे अपना चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब आप देश को ईमानदार बनाने की कोशिश करते हैं तो देश की जनता भी टैक्स देकर इसका अभिवादन करती है। सबरीमला मुद्दे पर शीर्ष अदालत के फैसले पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान को प्रसाद ने सार्थक आलोचनात्मक तरीके से कही गयी बात बताया। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें (अदालती फैसले को) कोई चुनौती नहीं है। भारत के संविधान में किसी निर्णय की सार्थक आलोचना करने का अधिकार आम भारतीय को है, न्यायालय की अवमानना करने का नहीं।’’

 

मंत्री ने कहा, ‘‘आप जब किसी एक आस्था के अनिवार्य तथ्यों का विश्लेषण करते हैं तो वह सभी आस्थाओं पर लागू होना चाहिए।’’

वहीं राममंदिर पर सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के सवाल पर उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के फैसले का जिक्र और कहा कि हम सब की अपेक्षा है कि इस मामले का निपटारा जल्दी होना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उनका विकास के मुद्दे पर विश्वास नहीं रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं की जाति व गोत्र की चर्चा आज तक नहीं करती थी। गुजरात के चुनाव में इन्होंने कहा मैं शिवभक्त ब्राह्मण हूं.. यहां दत्तात्रेय गोत्र की चर्चा हो रही है। कांग्रेस पार्टी का विकास के मुद्दों पर विश्वास नहीं है क्या? क्योंकि उन्हें पता है कि विकास की बात होगी तो उनको जवाब देना पड़ेगा।’’

 

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