By अभिनय आकाश | Jul 13, 2022
बीजेपी पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए कथाकथित विवादित बयान के बाद से देश में लोग दो धड़ों में बंटे नजर आए। जिसमें से एक धड़े ने नुपुर के बयान का समर्थन किया और उनके समर्थन में कई पोस्ट भी सोशल मीडिया पर किए। जबकि दूसरा हिस्सा उनके बयान की आलोचना करने वालों का रहा। लेकिन नुपुर शर्मा के बयान के बाद नफरत की आग कुछ इस कदर फैली की इसमें कट्टरपंथी और आतंकी भी अपने जिहादी मंसूबों के साथ कूद पड़े और नुपुर शर्मा के समर्थकों को चुन चुनकर निशाना बनाने की साजिश में लग गए।
राजस्थान को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि केवल कन्हैया लाल ही कट्टरपंथीयों के निशाने पर नहीं थे। बल्कि पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले दावत-ए-इस्लामी व आतंकियों ने राजस्थान में 40 लोगों की एक टीम बनाई थी। जिसका काम नुपुर शर्मा के समर्थकों को चुन-चुनकर तालिबान की तर्ज पर सर कलम करना था। एनआईए और एटीएस की शुरुआती जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
रियाज और गौस मोहम्मद के मोबाइल से बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। सोची समझी रणनीति के तहत पूरी प्लानिंग की गई थी और कन्हैया लाल की हत्या को अंजाम दिया गया था। पाकिस्तान ने 40 लोगों को सिर कलम करने की ट्रेनिंग दी थी। राजस्थान के छह जिलों के 40 लोगों को ट्रेंन किया गया। इन लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई और यही सिखाया गया कि कैसे नुपुर शर्मा का समर्थन करने वालों का सर तन से जुदा करना है।
उदयपुर में तीन लोगों का सिर कलम होने वाला था। उदयपुर में पहला टारगेट कारोबारी था। कारोबारी के सिर कलम की जिम्मेदारी बावला को मिली थी। रियाज की तरफ से बावला को हत्या का निर्देश दिया गया था। लेकिन हत्या से पहले ही कारोबारी ने उदयपुर छोड़ दिया। उदयपुर छोड़ने की वजह से कारोबारी की जान बच गई लेकिन कन्हैया लाला की जान नहीं बच पाई।