By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 15, 2019
जम्मू। कश्मीर में आतंकवादियों को ‘‘पाकिस्तान के खरीदे हुए लड़के’’ बताते हुए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अपना तरीका नहीं सुधारा और सेब उत्पादकों को उनके उत्पाद घाटी के बाहर बेचने के लिए धमकी देना बंद नहीं किया तो वे ‘‘जल्द मारे जायेंगे। यहां स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के खरीदे कुछ लड़के यहां आस-पास (घाटी में) घूमते रहते हैं। वे सेब बागान मालिकों को अपने फल बाहर के बाजार में बेचने से रोकने के लिये उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं।’’
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मलिक ने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘मैं उनसे कह रहा हूं कि वे अपने तरीके सुधार लें क्योंकि मुझे नहीं पता कि फल विक्रेताओं की मौत होगी या नहीं, लेकिन इस बात की गारंटी है कि तुम सब (आतंकवादी) जरूर और जल्दी मारे जाओगे।’’ दो दिन पहले ही मलिक ने बाजार हस्तक्षेप योजना की शुरुआत की थी। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के केंद्र के फैसले को रद्द करने के बारे में पूछे जने पर मलिक ने कहा, ‘‘इतिहास का पहिया पीछे नहीं होता।’’ इस घटनाक्रम को राज्य के लिये एक ‘‘अवसर’’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने जम्मू कश्मीर के विकास के लिये अपना खजाना खोल दिया है।’’
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान पर तंज कसते हुए मलिक ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग जल्द भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे। इमरान ने कहा था कि पीओके के कश्मीरी एलओसी (नियंत्रण रेखा) की ओर मार्च करने के लिये उनके एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि उनके (खान के) इशारे पर यहां कोई नहीं आने जा रहा है। लेकिन अगर हम जम्मू कश्मीर को विकास के मार्ग पर लाने में सफल होते हैं तो इस बात की संभावना अधिक है कि वह दिन दूर नहीं है जब बदतर हालात का समना कर रहे पाक अधिकृत कश्मीर में रहने वाले लोग भारत का हिस्सा बनने के लिए अपने दम पर हमारी ओर दौड़ लगायेंगे ।’’
शापुरकंडी बांध के निर्माण पर मलिक ने कहा, ‘‘परियोजना पूरा होने के बाद हम पानी का प्रवाह रोककर पाकिस्तान को धमकाने की स्थिति में होंगे।’’ राज्यपाल ने क्षेत्र में 2022 तक शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) को घटा कर दहाई अंक से नीचे लाने के लक्ष्य की रूपरेखा तैयार करने के बारे में ‘नीति दस्तावेज’ जारी करने के साथ साथ समूचे जम्मू कश्मीर में 196 स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का ई-उद्घाटन किया।