रीयल एस्टेट कंपनियों द्वारा विज्ञापन जारी करने को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए सरकार ने कहा है कि मौजूदा या भविष्य की परियोजनाओं के लिए नए नियामक के पास पंजीकरण के बिना उनका विज्ञापन नहीं दिया जा सकता है। पहले से सुस्त पड़े रीयल एस्टेट क्षेत्र पर इस स्पष्टीकरण से और प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
पिछले कुछ साल से रीयल एस्टेट क्षेत्र में मूल्य और कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून पिछले साल पारित किया गया था। यह कानून इस साल मई से लागू हुआ है। इसका उद्देश्य खरीदारों के हितों का संरक्षण और रातों रात गायब होने वाले बिल्डरों पर अंकुश लगाना है। रीयल्टी कंपनियों के संगठन नारेडको ने आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय से मौजूदा परियोजनाओं के विज्ञापनों तथा ब्रिकी पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।