By अनुराग गुप्ता | Sep 27, 2021
लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच चीन की मौजूदगी के कुछ और सबूत मिले हैं। आपको बता दें कि 17 महीने पहले गलवान घाटी में हुई मुठभेड़ के बाद एक बार फिर से चीन सक्रिय होने लगा है और उसकी सेना (पीएलए) बंकर तैयार कर रही है।
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एलएसी के पास चीन ने तकरीबन 8 अस्थायी टेंट का निर्माण किया है। जहां पर पीएलए के सैनिक रह सकें। अंग्रेजी समाचार वेबसाइट 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की पीएलए ने उत्तर में काराकोरम दर्रे के पास वहाब ज़िल्गा से लेकर पियू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक अपने सैनिकों के लिए अस्थायी टेंट लगाए हैं।
पिछले साल गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद चीन ने कई अस्थायी टेंट बनाए हैं। हालांकि इन नए टेंट को पुराने मौजूद टेंटों के अलावा लगाया गया है। जिससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि चीन लंबे समय तक वहां पर डटा रहेगा।ड्रोन की हो रही तैनातीपूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास भारत और चीन दोनों की सेनाओं के करीब 50-50 हजार सैनिक तैनात हैं। इनके पास हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें इत्यादि मौजूद हैं। इस असहज स्थिति के बीच दोनों सेनाएं उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र से नियमित रूप से अपने सैनिकों बदलते रहते हैं। हालांकि दोनों सेनाएं एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन को तैनात कर रही हैं।चीन ने लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले 3488 किमी लंबी सीमा के पास कई नई हवाई पट्टियां और हेलीपैड विकसित किए हैं। इसके अलावा चीन ने अपने प्रमुख एयरबेस होतन, कशगार, गरगुनसा, ल्हासा-गोंग्गर और शिगात्से को भी अपग्रेड किया है।