By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 21, 2024
नयी दिल्ली । मोबाइल सेवा प्रदाताओं को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दूरसंचार कंपनियां उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर सेवा कर के भुगतान के लिए सेनवैट क्रेडिट का लाभ ले सकती हैं। वर्ष 2004 के सेनवैट क्रेडिट नियम, विनिर्माताओं को उपलब्ध छूट के बारे में हैं। यह छूट तब मिलती है जब विनिर्माता अपने उत्पादों के विनिर्माण के लिए उत्पाद शुल्क का भुगतान करने के बाद कुछ विशिष्ट सामग्री का उपयोग करते हैं।
न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि मोबाइल सेवा प्रदाता भी सेनवैट क्रेडिट नियमों के अंतर्गत आते हैं, क्योंकि वे अपना कारोबार स्थापित करने के लिए विभिन्न मद... विशेष रूप से मोबाइल टावर और प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग (पीएफबी) जैसे बाह्य उपकरणों के निर्माण पर उत्पाद शुल्क का भुगतान करते हैं। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने एक दशक पुराने विवाद का निपटारा किया, जो 2014 के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्पन्न हुआ था।
इसमें कहा गया था कि मोबाइल सेवा प्रदाता (एमएसपी) मोबाइल टावर और पूर्वनिर्मित इमारतों पर सेनवैट क्रेडिट का दावा करने के हकदार नहीं हैं। हालांकि, 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना कि टावर और पीएफबी जैसी अन्य संबद्ध संरचनाएं ‘पूंजीगत वस्तुओं’ की परिके अंतर्गत आती हैं और सेनवैट नियमों के तहत परिभाषित ‘इनपुट’ हैं और इसलिए, एमएसपी मोबाइल टावर और पीएफबी की स्थापना के लिए भुगतान किए गए उत्पाद शुल्क पर इनपुट क्रेडिट के हकदार हैं।