By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 22, 2022
वैष्णव ने कहा, ‘‘उद्योग विभिन्न चरणों से होकर गुजरता है। कभी कारोबारी वातावरण, प्रौद्योगिकी बदलाव और विभिन्न अन्य कारकों के चलते। इसलिए पुनर्गठन की जरूरत होती है। इसे विधेयक में कैसे शामिल करें, ताकि उद्योग को एक बेहद स्पष्ट रास्ता मिल सके? उन्होंने कहा, ‘‘पुनर्गठन के लिए इन बातों का ध्यान रखना होगा। ये वो बातें हैं, जो मेरा अधिकार हैं। इसलिए विधेयक में इस तरह की स्पष्ट रूपरेखा दी गई है।’’ उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया को व्यापक कानूनों की जरूरत है और प्रधानमंत्री ने दूरसंचार मंत्रालय को लक्ष्य दिया है कि भारत के डिजिटल कानून के नियामकीय ढांचे को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जाए।
मंत्री ने कहा, ‘‘इसका मतलब यह नहीं है कि हम बस घूमते हैं और दुनिया में जो कुछ भी सबसे अच्छा है, उसकी नकल करते हैं। इसका मतलब है कि हमने एक डिजिटल कानूनी ढांचा बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए दुनिया को अध्ययन करना चाहिए। यह एक बहुत बड़ा लक्ष्य तो है, लेकिन यह संभव है।’’ दूरसंचार विधेयक-2022 के मसौदे के अनुसार व्हॉट्सएप, जूम और गूगल डुओ जैसे ‘ओवर-द-टॉप’ ऐप, जो कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाएं देते हैं, उन्हें देश में काम करने के लिए लाइसेंस की जरूरत हो सकती है।