By अभिनय आकाश | Apr 30, 2024
जैसे ही अरविंद केजरीवाल को 23 मार्च की शाम गिरफ्तार किया गया, पार्टी ने कहा कि वो तिहाड़ जेल से सरकार चलाएंगे। दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विदेशी अखबार से लेकर वहां के कुछ नेताओं की तरफ से भी बयानबाजी देखने को मिली। अमेरिकी सरकार ने कहा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित कर रहे हैं। एक बयान में जर्मनी के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई थी कि केजरीवाल के मामले में न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक लागू किए जाएंगे।
केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में कूदा UN
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी दल कांग्रेस के बैंक खातों से लेनदेन पर रोक के मद्देनजर राजनीतिक स्थिति पर एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें उम्मीद है किभारत तथा किसी भी अन्य देश में जहां चुनाव हो रहे हैं, लोगों के राजनीतिक और नागरिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी और हर कोई एक स्वतंत्र व निष्पक्ष माहौल में मतदान कर पाएगा।
अमेरिका और जर्मनी के राजदूत को किया तलब
केजरीवाल पर अमेरिका और जर्मनी की टिप्पणी के बाद भारत की तरफ से भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। पहले तो भारत ने जर्मन दूतावास के मिशन के उप प्रमुख जॉर्ज एनज़वीलर को तलब किया और इसे अपनी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं। केजरीवाल पर अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी के बाद नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी दूतावास की कार्यवाहक उपप्रमुख ग्लोरिया बरबेना को तलब किया। केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर की गई अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार देते हुए भारत ने कहा था कि उसे अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है और वह इन्हें किसी भी प्रकार के अनावश्यक बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।