By अभिनय आकाश | Mar 18, 2023
सोरोस को चीन, भारत के नरेंद्र मोदी, ब्लादिमीर पुतिन, अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता पसंद नहीं हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को ठग और पीएम मोदी को तानाशाह कहा था। उन्होंने दुनिया में ‘राष्ट्रवाद’ के बयार से लड़ने के लिए लगभग 100 अरब डॉलर की फंड की स्थापना की है। इन फंड का इस्तेमाल इन लोगों के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाने के लिए किया जाता है। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में उन्होंने कहा था कि दुनिया में राष्ट्रवाद तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे खतरनाक नतीजा भारत में देखने को मिला है।जॉर्ज सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को तोड़ने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। यूनाइटेड किंगडम के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड वही है जो भारत के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) है।
राष्ट्रवादियों से लड़ने के लिए विश्वविद्यालय
अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर राजनीति को आकार देने और शासन परिवर्तन को वित्तपोषित करने के लिए अपने धन और प्रभाव का उपयोग करने का आरोप लगाया जाता रहा है। उन्होंने 2020 में राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए विश्वविद्यालय नेटवर्क को वित्तपोषित करने के लिए 100 करोड़ देने का वचन दिया था। वह पीएम नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आलोचक रहे हैं। 2020 में सोरोस ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की खिंचाई करते हुए कहा था कि राष्ट्रवाद आगे बढ़ रहा और भारत में "सबसे बड़ा झटका" देखा गया। वैश्विक नेताओं पर हमला करते हुए, सोरोस ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अधीन दुनिया की सबसे मजबूत शक्तियाँ- अमेरिका, चीन और रूस तानाशाहों के हाथों में हैं और सत्ता पर पकड़ रखने वाले शासकों में इजाफा हो रहा है।