दोस्तों, जल्द ही आपको कॉल रिसीव करते वक़्त यह पता लग जायेगा कि आपको कौन कॉल कर रहा है। केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नया टेलीकम्युनिकेशन बिल लाने की तैयारी चल रही है। यदि इस बिल को मंजूरी मिल जाती है तो whatsapp, zoom और google duo जैसे ऐप जिन पर वॉयस कालिंग की जाती है इन apps को भी लाइसेंस लेना होगा। नए टेलीकम्युनिकेशन बिल के अनुसार सबको केवाईसी कराना आवश्यक होगा। इसके साथ ही इन्टरनेट कालिंग या messaging apps को भी केवाईसी के नियम का पालन करना जरुरी होगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे साइबर क्राइम जैसे अपराधों पर लगाम लगेगी। इस बिल को आने वाले 6 से 10 महीने के अंदर लाया जा सकता है।
क्यों है ये बिल लाना जरुरी ?
इंडियन टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 में उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा गया है। इसमें सभी उपभोक्ताओं को केवाईसी कराना अनिवार्य है और अपनी सही और सटीक जानकारी देना जरुरी किया गया है। यहाँ तक कि सेल्युलर ऑपरेटर्स को भी यह जानकारी देनी होगी कि कौन कॉल कर रहा है। यह यूज़र्स को पता होगा कि whatsapp और zoom पर उन्हें कौन कॉल कर रहा है और यदि यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन होता है तो उसके लिए इस बिल में क़ानूनी प्रावधान भी किये गए है। यह बिल पहले से ही मौजूद कानून जैसे- तार अधिनियम 1885, भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम 1933 और तार यंत्र सम्बन्धी अधिनियम 1950 की जगह लेगा।
होगा स्पेक्ट्रम अलॉट
संचार मंत्री के अनुसार, इस बिल में स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी का प्रावधान भी कर दिया गया है। सिर्फ़ मेट्रो, रक्षा, मौसम जैसी सरकारी सेवाओं के लिए इस स्पेक्ट्रम को इससे अलग रखा गया है। वो ट्राई के जरिए ही किया जायेगा और यदि कोई कम्पनी इन सभी सेवा शर्तों का उल्लंघन करती है तो इस बिल में उसके लिए जुर्माने के अलग-अलग प्रावधान भी है।
नहीं होगी सेवा में रूकावट
इस बिल में कॉमन केबल डक्ट का प्रावधान किया गया है, जैसे- यदि कोई रोड बन रही है, गैस लाइन डल रही है, रेलवे या पानी की लाइन बिछ रही है तो इसके इसके साथ-साथ फाइबर डक्ट भी बिछाने की व्यवस्था इस बिल में की जाएगी। यूजर्स को लगातार सेवा मिले, इस बिल में इसका भी ध्यान रखा गया है । इसके साथ ही पहली बार OTT ऐप्स को भी लाइसेंस व्यवस्था के अंतर्गत लाया जा सकता है और OTT को भी टेलीकम्यूनिकेशन की श्रेणी में माना जायेगा।
- रौनक