इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप में बहुत कम दिन बचे हैं। इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी टीमें इस खिताब को जीतने के लिए अपना सबकुछ झोंक देना चाहती है। इसके लिए वह जमकर अपनी तैयारियां भी कर रही हैं। तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने का सपना सजोएं बैठी टीम इंडिया भी वर्ल्ड कप के लिए पूरी तरह से तैयार है। इंग्लैंड भी वर्ल्ड कप जीतने का बड़ा दावेदार लगता है। पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज जीतकर इंग्लैंड ने दिखा दिया कि उनकी टीम में कितना दम है और वो पहली बार वर्ल्ड कप जीतने के सबसे करीब है। वैसे इंग्लिश सरजमीं पर होने वाले मैचों में जिस तरह से रनों का पहाड़ लग रहा है उसे देखते हुए टीम इंडिया की जीत की उम्मीदें बढ़ चली हैं। पिच को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार इंग्लैंड की पिचों पर रनों का पहाड़ लगेगा। और बात अगर बल्लेबाजी की हो तो इस टीम इंडिया में 3 धुरंधर मौजूद हैं जो स्कोरबोर्ड पर रनों का इतना अंबार लगा सकते हैं जिसको हासिल करना विरोधी टीम के लिए आसान नहीं होगा। इंग्लिश कंडीशंस में अगर भारतीय बल्लेबाज रनों का पहाड़ खड़ा कर देते हैं तो टीम इंडिया की गेंदबाजी इतनी अच्छी है कि वो मैच जीत सकते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या टॉप-3 के दम पर वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का बिगुल बज पाएगा। क्या टीम इंडिया के बड़े बल्लेबाज चैंपियन बनाकर ही दम लेंगे। क्या कोहली हिटमैन और गब्बर के दम पर हिंदुस्तान का तिरंगा लार्ड्स के मैदान पर 14 जुलाई को फहराएगा।
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दरअसल टीम इंडिया के पास कोहली, रोहित शर्मा और धवन के रूप में एक ऐसा धाकड़ टॉप आर्डर है जिसका खौफ लगभग सभी टीमों के अंदर है। ये तीन बल्लेबाज किसी भी हालत में मैच जिताना जानते हैं और इस बार भी वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को इनसे यही प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद है। अगर पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया के प्रदर्शन पर नजर डाली जाएं तो टीम की जीत की जिम्मेदारी इन्ही खिलाड़ियों के आस-पास घूमती रही है। 2015 वर्ल्ड कप के बाद से इन तीनों बल्लेबाजों ने साथ मिलकर भारत के लिए 86 वनडे मैच खेले हैं जहां टीम की नैया इन्हीं खिलाड़ियों ने पार लगाई है। अगर देखा जाएं तो पिछले चार सालों में भारतीय शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने मिलकर 45 शतक और 67 अर्धशतक जमाए हैं। वहीं टीम इंडिया के मिडिल आर्डर से सिर्फ 6 शतक और 35 अर्धशतक लगाए हैं। ये आंकड़ों से साफ दिखाई पड़ता है कि भारत के टॉप आर्डर की वर्ल्ड कप में क्या भूमिका होने वाली है। जिस दिन विराट, रोहित और धवन का बल्ला गरजा वो दिन भारत का है और इन्हीं खिलाड़ियों का चलना टीम इंडिया की गारंटी है।
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2015 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया के इन तीन बल्लेबाजों का जमकर बोलबाला रहा है। पिछले चार साल में विराट कोहली ने भारत के लिए टॉप आर्डर में खेलते हुए 65 मैचों में 83.76 की औसत से 4272 रन बनाए जिसमें 19 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं। उनके अलावा हिटमैन रोहित शर्मा ने 71 मैचों में 61.12 की औसत से 3790 रन बनाए। उन्होंने इस बीच 15 शतक और 16 अर्धशतक जमाए हैं। वहीं धवन के बल्ले से 67 मैचों में 45.20 की औसत से 2848 रन बनाए जिसमें आठ शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। इन तीनों का ये प्रदर्शन दिखाता है कि ये ही जीत की गारंटी है और भारत को तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनना है तो इनका रन बनाना काफी जरूरी है।
टीम इंडिया के लिए टॉप आर्डर तो इस वर्ल्ड कप में सबसे जरूरी होगा लेकिन चिंता मिडिल आर्डर को लेकर है। नंबर 4 की पहेली अभी भी अनसुलझी है और फिनिशर के रूप में धोनी को छोड़ दे तो किसी ने अपने आपको ज्यादा साबित नहीं किया है। वैसे वर्ल्ड कप से पहले केदार जाधव का फिट होना टीम इंडिया की टेंशन कम कर उम्मीदों को उड़ान जरूर देता है। जिसकी वजह से लग रहा है कि इस बार ये मजबूत टीम इंडिया वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करेगी और हिंदुस्तान को तीसरी बार चैंपियन बनाकर ही दम लेगी।
-दीपक मिश्रा