टीसीएस ने कहा 'मूनलाइटिंग' नैतिक मुद्दा, किसी कर्मचारी के खिलाफ नहीं की कार्रवाई

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 11, 2022

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सोमवार को कहा कि ‘मूनलाइटिंग’ एक ‘नैतिक मुद्दा’ है और यह कंपनी के मूल मूल्यों के खिलाफ है। टीसीएस ने साथ ही कहा कि उसने अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। कंपनी में 6.16 लाख से अधिक लोग काम करते हैं। जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है।

प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच ‘मूनलाइटिंग’ के बढ़ते चलन ने उद्योग में एक नई बहस छेड़ दी है। टेक महिंद्रा जैसी कुछ कंपनियों ने इसका समर्थन किया है जबकि आईबीएम, विप्रो जैसी अन्य कंपनियों ने इसके बारे में चिंता व्यक्त की है। टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ सप्ताह से चल रहे मूनलाइटिंग के मुद्दे पर अपना अंतिम दृष्टिकोण बनाते समय सभी उचित पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा।

लक्कड़ ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि मूनलाइटिंग एक नैतिक मुद्दा है और यह हमारे मूल मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ है।’’ कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा कि सेवा अनुबंध के तहत कर्मचारियों को किसी अन्य संगठन के लिए काम करने की अनुमति नहीं है। लक्कड़ ने कहा कि विप्रो के विपरीत टीसीएस ने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।उन्होंने कहा कि टीसीएस की अपने कर्मचारियों के प्रति लंबे समय के लिए प्रतिबद्धता है और कर्मचारियों की कंपनी के प्रति पारस्परिक प्रतिबद्धता भी है। वहीं, विप्रो ने हाल में अनुशासत्मक कार्रवाई के रूप में 300 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त करने की घोषणा की थी।

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