BJP पर निशाना साधते हुए MK Stalin बोले, देश को मणिपुर-हरियाणा बनने से रोकने के लिए I.N.D.I.A. को जीतना होगा

By अंकित सिंह | Sep 04, 2023

भारतीय जनता पार्टी ने आज अपनी पॉडकास्ट श्रृंखला के पहले एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी ने कभी वादा नहीं किया कि सभी के खाते में 15 लाख रुपये जमा किए जाएंगे, पॉडकास्ट में किए गए दावे "झूठ" हैं। चार अलग-अलग भाषाओं मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में जारी पॉडकास्ट एपिसोड में, स्टालिन ने दावा किया कि भाजपा ने केंद्र में अपने पिछले नौ वर्षों में सामाजिक कल्याण के संबंध में कोई भी चुनाव पूर्व वादा पूरा नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर चौतरफा हमला बोलते हुए कहा कि वादे के मुताबिक सभी नागरिकों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा नहीं किए गए, किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

 

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इंडिया गठबंधन को जीतना होगा

स्टालिन ने इस साल मई से उत्तर-पूर्वी राज्य में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा और हाल ही में एक धार्मिक जुलूस के बाद हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे भारत को मणिपुर और हरियाणा बनने से रोकने के लिए इंडिया गठबंधन को जीतना होगा। एमके स्टालिन ने लोगों से "एक बहुसांस्कृतिक और विविध भारत बनाने" का आह्वान किया, आरोप लगाया कि भाजपा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को "विघटित करने और मित्र निगमों को सौंपने", एयर इंडिया को बेचने जैसे मुद्दों को कवर करने के लिए सांप्रदायिकता का सहारा लेती है। द्रमुक प्रमुख ने 2002 के गुजरात दंगों का भी जिक्र किया और कहा कि "2002 में गुजरात में बोई गई नफरत" के परिणामस्वरूप मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा और 2023 में हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पें हुईं।

 

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‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ पर क्या बोल

स्टालिन ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ पर जोर देना राष्ट्र के संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीकृत सत्ता की दिशा में एक कदम है, जो भारत की अवधारणा, राज्यों के संघ के विचार के खिलाफ है। स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अचानक की गई इस घोषणा और उसके बाद उच्च-स्तरीय समिति के गठन से इस संदेह को बल मिलता है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लोकतंत्र नहीं, ‘तानाशाही’ का जरिया है।’’ एक जनसभा को संबोधित करते हुए द्रमुक प्रमुख ने आरोप लगाया कि इस मकसद से एक समिति का गठन ‘‘(निरंकुश शासन के प्रति) एक साजिश’’ के तहत किया गया है, जिसे हासिल करना पहले से ही भाजपा शासन की मंशा थी। उन्होंने कहा कि संसद में द्रमुक तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन समिति में उसे कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। ढाई साल पूरे किए हैं।

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