जब से अफगानिस्तान में तालिबान का सत्ता आया है तभी से लोगों की जिंदगी में अंधकार छा गया है। इस तालिबानी हुकुमत में अफगान के लोगों पर एक पर एक मुसीबतों का पहाड़ टूट रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान जहां एक तरफ ठंड बढ़ती जा रही है वहीं राजदानी काबुल में अंधेरा छा गया है।
एक खबर के मुताबिक, नए तालिबान शासकों ने सेंट्रल एशियन इलेक्टि्रकसिटी सप्लायर्स के बकाया बिल का भुगतान ही नहीं किया है।वाल स्ट्रीट जरनल के अनुसार, तालिबान शासन के आते ही अफगानिस्तान के सरकारी ऊर्जा प्राधिकरण दाऊद नूरजई ने इस्तीफा दे दिया था और इस्तीफा देते समय चेतावनी भी दी थी कि, बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया गया है और अगर इसका भुगतान जल्द ही नहीं कराया गया तो आने वाले समय में हालात काफी विनाशकारी हो सकते है। 15 अगस्त को काबुल की धरती पर तालिबानियों ने अपने पैर जमाए थे और इससे दो हफ्ते पहले ही दाऊद नूरजई ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि, हालात नहीं संभले तो काबुल ही नहीं पूरे अफगानिस्तान में ब्लैकआउट हो जाएगा जो कि बेहद घातक साबित होगा।
क्या चीन सैनिकों की है अफगानिस्तान पर मौजूदगी
बताया जा रहा है कि, अफगानिस्तान पर चीनी और विदेशी सैनिकों की मौजूदगी है लेकिन इस बात को इंकार करते हुए सांस्कृतिक आयोग के सदस्य ओमर मंसूर ने बताया कि, चीनी समेत किसी भी विदेशी सेना की अफगानिस्तान पर मौजुदगी नहीं है। वहीं , निवासियों के मुताबिक, एयरबेस पर लाइट जलती दिखाई दी है, लेकिन मंसूर ने जानकारी देते हुए सफाई दी कि यह बत्तियां तालिबानियों ने जलाई है।