By रितिका कमठान | Apr 18, 2025
भारत की संस्कृति, विरासत, विविधता की बात दुनिया के हर कोने में होती है। भारत में एक ऐसा अजूबा भी है जो दुनिया में सात अजूबों में शामिल है। ये है आगरा में स्थित ताजमहल जो प्रेम का शानदार उदाहरण है। सफेद संगमरमर का ये एक मकबरा है, जो अब सिर्फ एक स्मारक का ही नहीं है बल्कि प्रेम का प्रतीक बन चुका है।
मुगल बादशाह शाहजहां ने इस मकबरे को अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाया था। दुनिया भर के लोग इस मकबरे को देखकर बेहद आश्चर्यचकित होते है। हजारों साल पहले ताजमहल पर की गई नक्काशी और इसकी खूबसूरती आज भी लोगों को हैरान करती है। देश और दुनिया से रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक ताजमहल को देखने आते है।
बता दें कि ताजमहल का निर्माण वर्ष 1632 में शुरु हुआ था। इसका निर्माण पूरा होने में 22 से 25 वर्ष का समय लगा था। ताजमहल आज के समय में सिर्फ एक इमारत नहीं है। ताजमहल मुगल और भारतीय शैलियों के साथ बना इंडो इस्लामिक वास्तुकला काभी शानदार और बेहतरीन उदाहरण है। ताजमहल की खूबसूरती मोजेक कला, नक्काशी और दुनिया भर से आए लैपिस लाजुली, कॉर्नेलियन, गोमेद, सोने व सफेद संगमरमर से बनाई गई थी। इस इमारत का निर्माण कई कीमती पत्थरों से किया गया था।
ताजमहल के निर्माण को लेकर कई कहानियां भी इतिहास से चली आ रही है। ताजमहल ऐसा अजूबा है जिसे बनाने में फारस, ओटोमन साम्राज्य के हजारों मजदूरों ने मिलकर बनाया था। ताजमहल के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री को लाने के लिए 1000 हाथियों का उपयोग हुआ था।
उस समय ताजमहल के निर्माण में कितनी लागत आई थी, इसकी सही जानकारी को लेकर वर्षों से बहस चल रही है। कई ऐतिहासिक लेखों से जानकारी मिली है कि इस की लागत लगभग 3.2 करोड़ रुपये रही होगी। इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब में इसकी कीमत 43 मिलियन रुपये आंकी है।
अगर आज के समय में ताजमहल के निर्माण की बात की जाए तो इसकी लागत लगभग 7000 करोड़ रुपये आएगी। एबीपी न्यूज के मुताबिक इसकी लागत 7500 करोड़ रुपये भी हो सकती है।