जब कोई देश ओलंपिक में मेडल जीतता है तो उसके लिए ये गर्व की बात होती है। लेकिन जरा सोचिए कि कैसा होगा वो क्षण जब जीत उस देश के खिलाफ मिले जिससे वो अपने अस्तित्व की जंग वर्षों से लड़ता रहा हो। ताइवान की बैडमिंटन जोड़ी ने शनिवार 31 जुलाई को न केवल खेल में देश का पहला ओलंपिक स्वर्ण जीता, बल्कि एक चीनी टीम पर उनकी जीत का मतलब था कि ओलंपिक इतिहास में पहली बार चीनी एथलीटों के सामने ताइवान के राष्ट्रीय ध्वज गान बजाया गया। राजनीतिक लिहाजे से भी दोनों देशों के बीच इसका महत्व बेहद ही महत्वपूर्ण है।
ली यांग और और वांग ची-लिन ने 31 जुलाई को ओलंपिक खेल टोक्यो 2020 का पुरुष युगल ख़िताब जीतकर चीनी ताइपेई को ओलंपिक बैडमिंटन में पहली बार पदक दिलाया। ताइपेई की विश्व नंबर तीन जोड़ी ने टोक्यो 2020 के फाइनल में चीनी जनवादी गणराज्य के ली जुन्हुई और लियू युचेन को हराया। तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को ली/वांग ने 21-18, 21-12 से मात देकर जोड़ी के तौर पर अपना पहले प्रमुख सीनियर खिताब जीत लिया। पदक पुरस्कार समारोह के दौरान, ओलंपिक इतिहास में पहली बार, ताइवान के एथलीट पोडियम के शीर्ष पर खड़े थे, चीनी के सामने खिलाड़ी के देश के ध्वज को ताइवान के राष्ट्रीय ध्वज की धुन पर ऊपर उठाया।