By रितिका कमठान | Apr 09, 2025
भारत के लिए आज का दिन बेहद महस्तवपूर्ण है। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा जल्द ही भारत आ सकता है। भारत को इस मामले में बड़ी सफलता मिल सकती है। तहव्वुर राणा द्वारा आत्मसमर्पण करने के लिए भारत की कई टीमें लगातार अमेरिका में डेरा डाले हुए है। एजेंसियां प्रक्रिया पूरी करने में जुटी हुई है।
तहव्वुर राणा पर आरोप है कि वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी। भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। बता दें कि तहव्वुर राणा आईएसआई और लश्कर ऐ तैयबा का सदस्य है। राणा को डेविड कोलमैन हेडली का खास माना जाता है। हेडली और राणा के बीच मुंबई हमलों से पहले कई महत्वपूर्ण बैठकें हुई थी। तहव्वुर राणा का नाम डेविड कोलमैन हेडली ने ही अपने बयान में लिया था। अमेरिकी जांच एजेंसियों के सामने उसने ये कबूलनामा किया था।
बता दें कि डेविड कोलमैन हेडली वो आतंकी है जो मुंबई हमले से पहले यहां आता था। हेडली ने ही मुंबई के ताज होटल, चबाड हाउस, लियोपोल्ड कैफे समेत कई मुख्य जगहों की रेकी की थी। इन जगहों की रेकी करने के बाद उसने आईएसआई और पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रशिक्षण आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को जानकारी दी थी। डेविड कोलमैन हेडली द्वारा की गई रेकी के आधार पर ही मुंबई हमलों को अंजाम दिया गया था।
तहव्वुर और हेडली की कई बार मुलाकात
तहव्वुर और राणी की मुलाकात कई बार हुई थी। राणा ने हेडली के लिए नकवी वीजा बनवाने का काम किया था। आतंकी डेविड हेडली को नकली वीजा भारत में नकली कारोबार करने के लिए दिया गया था। इस वीजा की मदद से भारत में घुसकर उसने रेकी की थी।
तहव्वुर के खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट में 26 नवंबर को हुए हमलों से ठीक पहले मुंबई के पवई स्थित एक होटल में राणा दो दिनों तक रहा था। राणा 11 नवंबर 2008 को भारत आया था। 21 नवंबर तक वो भारत में ही था।