By अनन्या मिश्रा | Nov 03, 2024
प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन आज यानी की 03 नवंबर को अपना 91वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन करने का काम किया है। अमर्त्य सेन का जीवन गरीबी और भूख के खिलाफ उनके अनथक संघर्ष की कहानी बयां करता है। उन्होंने सिर्फ अर्थशास्त्र के क्षेत्र में ही योगदान नहीं दिया बल्कि मानवता के कल्याण के लिए भी उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है। उनको भारत रत्न और अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार जैसे सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर अमर्त्य सेन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
अमर्त्य सेन का जन्म 03 नवंबर 1933 को हुआ था। इनके दादा क्षितिमोहन सेन संस्कृत के अध्यापक थे और वह रविंद्रनाथ टैगोर के करीबी सहयोगी भी थे। वहीं इनकी मां अमिता सेन भी शिक्षिका थीं। ऐसे में अमर्त्य सेन का जीवन शिक्षा और ज्ञान के माहौल में विकसित हुआ। जिसके कारण उनको एक स्पष्ट दृष्टिकोण मिला।
टैगोर ने की भविष्यवाणी
बता दें कि अमर्त्य सेन का परिवार भारतीय संस्कृति और साहित्य के महान व्यक्तित्व गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर के साथ निकटता से जुड़ा रहा। अमर्त्य सेन के पिता जब उन्हें गुरुदेव के पास आशीर्वाद दिलाने और नामकरण के लिए ले गए। तो रविंद्रनाथ टैगोर ने कहा कि यह असामान्य बालक है और बड़ा होकर असाधारण बनेगा। वहीं दुनिया से जाने के बाद भी इसका नाम अक्षण्ण रहेगा। टैगोर की यह भविष्यवाणी समय के साथ सच साबित होती गई और विश्व मंच पर सेन भारत का नाम रोशन करते रहे।
बंगाल के अकाल का प्रभाव
अमर्त्य सेन का जीवन गरीबी और भूख की वास्तविकता से भरा हुआ था। साल 1943 में बंगाल में हुए भयंकर अकाल के दौरान उन्होंने लोगों को अपने घर के सामने भूख से मरते देखा। इस हृदय विदारक अनुभन ने उनके मन में गरीबी औऱ भूख के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा जगाई। बड़े होकर सेन इसी दिशा में काम करने लगे और साल 1998 में उनकी मेहनत के लिए अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।
फिर साल 1999 में अमर्त्य सेन की प्रतिभा और कार्य के लिए उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही सेन ने दर्जनों प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते, जो उनकी विद्या और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। अमर्त्य सेन की किताबें और किए गए शोध कार्य विश्वभर में अध्ययन के लिए बेहद अहम माने जाते हैं।