By अंकित सिंह | Nov 10, 2022
बिहार में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण संबंधी मसले को लेकर वार पलटवार का दौर जारी है। आरक्षण संबंधी मसले पर सरकार की अधूरी तैयारी की वजह से चुनाव को टालना पड़ा। पटना हाईकोर्ट ने नियमों की अनदेखी का हवाला देते हुए बाद में चुनाव कराने का आदेश दिया। इसके बाद से प्रक्रिया को बीच में ही स्थगित करना पड़ा। सरकार और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। सरकार की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में चुनाव कराए जा सकते हैं। इन सबके बीच भाजपा ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार की जिद की वजह से ही नगर निकाय चुनाव टाले गए हैं।
कई ट्वीट करते हुए सुशील मोदी ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की जिद के कारण निकाय चुनाव टल गए, जिससे अतिपिछड़ा वर्ग के सैकड़ों लोग मेयर-डिप्टी मेयर बनने से वंचित रह गए। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद भले ही सरकार झुकी और अतिपिछड़ों को राजनीतिक आरक्षण देने के लिए अतिपिछड़ा वर्ग आयोग को पुनर्जीवित कर दिया गया, लेकिन अभी तय नहीं कि कब आयोग की रिपोर्ट आयेगी और चुनाव कब होंगे? उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव जब भी होंगे, तब फिर से नामांकन करना होगा या पहले के नामांकन ही मान्य होंगे, यह भी स्पष्ट नहीं है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि निकाय चुनाव टल गए, लेकिन आचार-संहिता लागू है, इसलिए पूरे राज्य में शहरी विकास का कोई नया काम नहीं हो रहा है। मोदी ने इसके लिए नीतीश कुमार को पूरी तरीके से जिम्मेदार माना है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव की तारीख के बारे में स्पष्ट घोषणा करे, ताकि ऊहापोह की स्थिति समाप्त हो। उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव पर रोक लगने का हवाला देकर एजी और राज्य निर्वाचन आयोग ने अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने और उसकी रिपोर्ट के अनुसार निकाय चुनाव कराने का मंतव्य दिया, तब नीतीश कुमार ने किसी की एक न सुनी।