By अनन्या मिश्रा | Jan 05, 2025
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का 05 जनवरी को जन्म हुआ था। वह तीन बार बिहार के डिप्टी सीएम बने थे और साल 2020 में पार्टी ने उनको राज्यसभा भेजा था। बता दें कि सुशील कुमार मोदी को बिहार भाजपा का संकटमोचक कहा जाता था। सुशील कुमार मोदी को राज्य में भाजपा का सबसे बड़े नेता माना जाता था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर सुशील कुमार मोदी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
बता दें कि 05 जनवरी 1952 को सुशील कुमार मोदी का जन्म हुआ था। इन्होंने शुरूआती शिक्षा लेने के बाद पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। फिर पटना यूनिवर्सिटी से ही सुशील कुमार मोदी ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। साल 1973 में वह पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के जनरल सेक्रेटरी बने थे।
राजनीतिक सफर
जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान सुशील कुमार मोदी को 5 बार गिरफ्तार किया गया। वहीं साल 1974 में एक छात्र आंदोलन में भी उनको गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान वह लगातार 19 महीने तक जेल में रहे थे। आपातकाल हटने के बाद उनको अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्टेट सेक्रेटरी बनाया गया। सुशील कुमार मोदी ने ABVP में भी कई अहम पदों पर जिम्मेदारियां निभाई थीं।
साल 2000 में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर बनें और झारखंड राज्य की मांग का समर्थन किया। फिर साल 2005 में जब राज्य में एनडीए सत्ता में आई, तो नीतीश सीएम बने और भाजपा ने सुशील कुमार मोदी को अपने विधायक दल का नेता बनाया। उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की। वहीं साल 2010 में जब फिर एनडीए की सरकार बनी तो सुशील मोदी फिर डिप्टी सीएम बनें और वह 2013 तक इस पद पर रहे।
साल 2017 में जब राज्य में जेडीयू और आरजेडी गठबंधन की सरकार बनी, तो इस सरकार को गिराने के पीछे मुख्य रूप से सुशील मोदी थे। क्योंकि उन्होंने लालू यादव को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरा, जिसका नतीजा यह निकला कि गठबंधन सरकार गिर गई और फिर बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार बनाई। इस तरह से सुशील मोदी तीसरी बार राज्य के डिप्टी सीएम बनें।
वहीं साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए ने जीत हासिल की, लेकिन इस बार सुशील मोदी राज्य के उप मुख्यमंत्री नहीं बनें। बल्कि इस बार उनको राज्यसभा भेजा गया। बता दें कि सुशील कुमार मोदी को रामविलास पासवान की जगह राज्यसभा में भेजा गया था। क्योंकि रामविलास के निधन के बाद यह सीट खाली थी। हालांकि इसके बाद सुशील कुमार मोदी की राजनीतिक सक्रियता कम हो गई थी।
मृत्यु
अपने अंतिम समय में सुशील कुमार मोदी कैंसर जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। वहीं 13 मई 2024 को सुशील कुमार मोदी 72 साल की उम्र में हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर लीं।