परमबीर सिंह पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहां छुपे हैं बताएं बिना नहीं होगी सुनवाई

By अंकित सिंह | Nov 18, 2021

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। परमबीर सिंह को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तो यह भी कह दिया कि परमबीर सिंह को तब तक राहत नहीं दी जा सकती जब तक वे यह नहीं बताएंगे कि कहां है। कोर्ट ने परमबीर सिंह के वकील को उनका पता बताने के लिए कहा और साथ ही यह भी कहा कि ‘‘जब तक हमें यह नहीं पता चल जाता कि आप कहां हैं तब तक कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी, कोई सुनवाई नहीं होगी।’’ न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि सुरक्षा देने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए दायर की गयी है। पीठ ने यह भी कहा कि आप सुरक्षात्मक आदेश देने का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं जानता कि आप कहां हैं। मान लीजिए आप विदेश में बैठे हैं और पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कानूनी सहारा ले रहे हैं तो क्या होगा। अगर ऐसा है, तो अदालत यदि आपके पक्ष में फैसला देती है तभी आप भारत आयेंगे होगा, हम नहीं जानते कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है। जब तक हमें यह पता नहीं चल जाता कि आप कहां हैं, तब तक कोई सुरक्षा नहीं, कोई सुनवाई नहीं होगी। 

 

इसे भी पढ़ें: परमबीर सिंह से जुड़े जबरन वसूली के मामले में CID ने दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया


कोर्ट ने कहा कि याचिका पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए दायर की गयी है। आप कहां हैं। आप देश में हैं या देश से बाहर? आप कहां हैं। पहले जब हमें पता चलेगा कि आप कहां हैं तभी हम आगे कुछ करेंगे? मुंबई में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को सिंह को उनके खिलाफ दर्ज वसूली मामले में ‘‘भगोड़ा अपराधी’’ घोषित किया। सिंह इस साल मई में आखिरी बार कार्यालय आए थे जिसके बाद वह अवकाश पर चले गए। राज्य पुलिस ने बंबई उच्च न्यायालय को पिछले महीने बताया कि सिंह के बारे में उसके पास कोई जानकारी नहीं है।

 

प्रमुख खबरें

भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन, वैश्वविक नेताओं को पीएम मोदी ने दिए ये उपहार

NDA या INDIA... महाराष्ट्र और झारखंड में किसकी सरकार, शनिवार को आएंगे नतीजे, UP पर भी नजर

OpenAI ला रही वेब ब्राउजर, गूगल को मिल रही कांटे की टक्कर

लोकायुक्त संशोधन विधेयक विधान परिषद में पेश, नारा लोकेश ने गठबंधन सरकार की प्रतिबद्धता पर दिया जोर