Supreme Court ने 370 जिलों में विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी की स्थापना न करने पर कड़ा संज्ञान लिया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 16, 2024

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को देशभर के 370 जिलों में परित्यक्त और स्वेच्छा से सौंपे गये बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के वास्ते विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसियां (एसएए) स्थापित करने में विफल रहने पर नाराजगी व्यक्त की और चेतावनी दी कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में उसके निर्देशों का पालन न करने पर कठोर कदम उठाए जाएंगे।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अफसोस जताया कि देश के 760 जिलों में से 370 में एसएए क्रियाशील नहीं हैं, जो किशोर न्याय अधिनियम के तहत एक आवश्यक कानूनी आवश्यकता है।

एसएए भावी दत्तक माता-पिता की गृह अध्ययन रिपोर्ट तैयार करते हैं और उन्हें पात्र पाए जाने के बाद दत्तक सौंपने के लिए कानूनी रूप से उपलब्ध बच्चे को बाल अध्ययन रिपोर्ट तथा मेडिकल रिपोर्ट के साथ गोद लेने के लिए संदर्भित करते हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “अगर 20 नवंबर, 2023 को जारी हमारे निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो हम कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।” पीठ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एसएए की स्थापना और गोद लेने की संख्या पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को सात अप्रैल तक नवीनतम डेटा प्रदान करने के लिए कहा।

न्यायालय ने यह भी कहा कि वह जानना चाहता है कि क्या अदालत के आदेशों से कोई जमीनी फर्क पड़ा है या नहीं। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि राज्यों को गोद लेने की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए अदालती आदेशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रालय को डेटा प्रदान करने के वास्ते कहा जाना चाहिए।

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