By रेनू तिवारी | May 02, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई को फिल्म द केरला स्टोरी की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर इस आधार पर विचार करने से इनकार कर दिया कि यह "सबसे खराब किस्म का अभद्र भाषा" और "ऑडियो-विजुअल प्रचार" है। न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और बी.वी. नागरत्ना को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता निजाम पाशा ने बताया कि 5 मई को रिलीज होने वाली फिल्म के ट्रेलर को 16 मिलियन बार देखा गया है। पाशा ने कहा, "यह फिल्म सबसे घटिया किस्म की अभद्र भाषा है। यह पूरी तरह से दृश्य-श्रव्य प्रचार है।"
बेंच ने कहा, ''कई तरह के नफरत भरे भाषण होते हैं। इस फिल्म को सर्टिफिकेशन मिल गया है और बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी है। यह ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति मंच पर चढ़कर अनियंत्रित भाषण देने लगे। यदि आप फिल्म की रिलीज को चुनौती देना चाहते हैं, तो आपको प्रमाणन को चुनौती देनी चाहिए और उपयुक्त मंच के माध्यम से।
न्यायमूर्ति नागरत्न ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए। पाशा ने कहा कि कोई समय नहीं बचा है क्योंकि फिल्म 5 मई को रिलीज होने वाली है। खंडपीठ ने कहा यह एक मैदान नहीं है। नहीं तो हर कोई सुप्रीम कोर्ट आना शुरू कर देगा। पाशा ने कहा कि इसीलिए उन्होंने हेट स्पीच मामले में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।
जस्टिस जोसेफ ने कहा कि भले ही वह याचिकाकर्ता को सलाह नहीं दे रहे हों, लेकिन उचित उपचार के लिए एक ठोस रिट याचिका दाखिल करने की जरूरत है।
हिंदी फिल्म धर्म परिवर्तन के विषय पर आधारित है।