By अंकित सिंह | Apr 19, 2025
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर न्यायपालिका को कानून बनाना है तो संसद की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े तो संसद और विधानसभाएं बंद कर देनी चाहिए
निशिकांत दुबे ने कहा कि आप राम मंदिर मामले में कहते हो कि कागज दिखाओ, कृष्ण जन्मभूमि मामले में कह रहे हो कि कागज दिखाओ। उन्होंने कहा कि आज आप मुगलों के आने के बाद जो मस्जिद बने हैं, उसके बारे में कहते हो कि कागज कहां से दिखाएंगे। उन्होने आगे कहा कि आप नियुक्ति करने वाले अधिकारी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं। संसद इस देश का कानून बनाती है। आप उस संसद को निर्देश देंगे?
अपना सवाल जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर निर्णय लेना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं। जब संसद बैठेगी तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को भेजे गए बिलों पर फैसला लेने के लिए समयसीमा तय करने का फैसला किया है, जिस पर भी बहस शुरू हो गई है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को दिए गए निर्देश और वक्फ (संशोधन) अधिनियम मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की सराहना की है।