By रेनू तिवारी | Mar 18, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हथियार लाइसेंस मामले में जमानत दे दी। यह फैसला लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आया है, जिसमें अब्बास अंसारी ने कोर्ट से राहत मांगी थी। भारतीय राजनीति में अपनी कथित आपराधिक गतिविधियों के लिए जाने जाने वाले विवादास्पद व्यक्ति मुख्तार अंसारी की संलिप्तता के कारण इस मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया है।
अंसारी ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी
अंसारी ने 20 नवंबर, 2022 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हथियार लाइसेंस मामले में नेता अब्बास अंसारी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में 12 अक्टूबर, 2019 को एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अंसारी ने खुद को एक प्रसिद्ध निशानेबाज होने का दावा करते हुए लाइसेंस पर कई आग्नेयास्त्र खरीदे।
उन्होंने दर्शाया कि उन्होंने लखनऊ में जारी लाइसेंस को दिल्ली में स्थानांतरित करवा लिया है, लेकिन इस संबंध में संबंधित पुलिस स्टेशन को कोई सूचना नहीं दी गई और आवेदक दो अलग-अलग राज्यों में जारी किए गए दोनों लाइसेंसों को दो अलग-अलग यूआईडी पर उपयोग करता रहा।
कौन हैं अब्बास अंसारी?
यहां यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि अब्बास अंसारी ने 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में मऊ की सदर सीट से समाजवादी पार्टी के तत्कालीन गठबंधन सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।