भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा को लेकर सुप्रिम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई कर फैसला दिया है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के क्षरण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया। जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा किए जाने वाला पंचामृत पूजन पर रोक के साथ-साथ श्रद्धालुओं द्वारा शिवलिंग को घिसने और रगड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को आदेश किया है, कि मंदिर समिति क्षरण रोकने के उपायों को तत्काल लागू करें। वर्ष 2013 में उज्जैन की सारिका गुरु नामक महिला ने महाकाल मंदिर में हो रहे शिवलिंग शरण को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर जिसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है आस्था का बड़ा केंद्र है। जहां श्रद्धालु मंदिर के गर्भ गृह तक जाकर शिवलिंग को छूकर दर्शन कर भगवान से आशीर्वाद लेते हैं। वही इससे पहले महाकाल मंदिर में शिवलिंग पर चढाए जाने वाले पानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि शिवलिंग पर केवल RO का पानी ही चढ़ाया जाएगा। यह आदेश शिवलिंग के घिसने की वजह से दिया गया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में किस तरह से पूजा अर्चना हो यह तय करना हमारा काम नहीं है। हम केवल शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए चिंतित हैं।