By अभिनय आकाश | Aug 25, 2022
धन शोधन निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने संबंधी फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने खुली अदालत में सुनवाई शुरू की। सुप्रीम कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को बरकरार रखने वाले फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सहमत हो गया है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने वाले फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि हमें लगता है कि कुछ मुद्दों पर फिर से गौर करने की जरूरत है और हम काले धन या मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के पूरी तरह से समर्थन में हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया। SC ने 2 मुद्दों पर केंद्र को नोटिस जारी किया- प्रवर्तन मामले की जांच रिपोर्ट प्रदान न करना और निर्दोषता के अनुमान को उलटना जो 2 मुद्दे हैं जिन पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट ( पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को बरकरार रखा था।
जिसके बाद याचिकाओं में धन शोधन निवारण अधिनियम ( पीएमएलए) के प्रावधानों को चुनौती दी गई थी. याचिकाओं में पीएमएलए के तहत अपराध की आय की तलाशी, गिरफ्तारी, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती दी गई। इसमें कहा गया है कि ये प्रावधान मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं।