By अनन्या मिश्रा | Apr 12, 2025
वर्तमान समय में भारतीय राजनीति में कई महिला नेता अपने काम और उपलब्धियों से दमदार भूमिका हैं। इन्हीं में से एक नाम सुमित्रा महाजन का है। आज यानी की 12 अप्रैल को सुमित्रा महाजन अपना 82वां जन्मदिन मना रहे हैं। सुमित्रा महाजन पूर्व लोकसभा स्पीकर रही हैं। उन्होंने नगर निगम में पार्षद से लेकर महापौर, मंत्री और फिर लोकसभा अध्यक्ष बनने तक का सफर शानदार तय किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजनीति में आने से पहले सुमित्रा महाजन रामकथा वाचिका थीं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर सुमित्रा महाजन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
महाराष्ट्र के चिपलूण कस्बे में 12 अप्रैल 1943 को सुमित्रा महाजन का जन्म हुआ था। यह एक कोंकणस्थ ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इनके पिता का नाम पुरुषोत्तम नीलकंठ साठे औऱ मां का नाम उषा था। इन्होंने एमए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है।
शादी
साल 1965 में सुमित्रा महाजन की शादी जयंत महाजन से हुई। जोकि पेशे से वकील थे। शादी के बाद वह अपने पति के साथ इंदौर शिफ्ट हो गईं और उन्होंने शादी के बाद एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान उनकी मुलाकात रामायण पर प्रवचन करने वाली इंदौर की मैना ताई गोखले से हुई। सुमित्रा महाजन उनके साथ रहने लगीं और वह मैना ताई बीमार हुईं, तो सुमित्रा महाजन ने प्रवचन देना शुरू किया।
राजनीतिक करियर
सुमित्रा महाजन 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' की महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति में शामिल हुईं। वह महाराष्ट्रीय महिलाओं के संगठन भगिनी मंडल में भी शामिल रहीं। यहीं से सुमित्रा महाजन के राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई। फिर साल 1984 में उनको उप-महापौर बनाया गया। इसके एक साल बाद उन्होंने इंदौर से दोबारा चुनाव लड़ा और इस दौरान उनको हार का सामना करना पड़ा। चुनाव हारने के बाद उन्होंने फिर से राम कथा का वाचन शुरूकर दिया। लेकिन साल 1989 में भारतीय जनता पार्टी ने उनको इंदौर से आम चुनाव के लिए टिकट दिया। इस दौरान सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस नेता और देश के गृह मंत्री रह चुके प्रकाश चंद्र सेठी को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी।
उपलब्धि
बता दें कि सुमित्रा महाजन ने एक-दो बार नहीं बल्कि लगातार 8 बार इंदौर क्षेत्र से जीत हासिल की थी। साल 2002 में अटल बिहारी बाजपेयी सरकरा में सुमित्रा महाजन राज्यमंत्री रहीं। वहीं साल 2014 में वह मोदी सरकार में लोकसभा अध्यक्ष बने और साल 2019 में सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।