By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 06, 2022
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के खिलाफ एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए पिछले महीने गिरफ्तार किए गए फार्मेसी के एक छात्र को तत्काल जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम. एन. जाधव की खंडपीठ नासिक निवासी निखिल भामरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज सभी पांच प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि उनकी याचिका लंबित रहने के दौरान उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाए। भामरे के वकील अधिवक्ता सुभाष झा ने अदालत से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में एक युवक के साथ ऐसा हो रहा है जबकि ‘‘हम लोकतंत्र में रह रहे हैं।’’ पीठ ने कहा कि भामरे 22 साल के हैं और इस उम्र में कुछ ‘‘जिम्मेदारी’’ होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ‘‘हर नागरिक के मौलिक अधिकार हैं। लेकिन ये कुछ पाबंदियों के अधीन हैं। मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं हैं। किसी को भी किसी और के निजी जीवन पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।’’ पीठ ने राज्य सरकार को भामरे के खिलाफ जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके बाद अधिवक्ता झा ने अदालत से अपने मुवक्किल को जमानत पर रिहा करने का आदेश पारित करने का अनुरोध किया। न्यायाधीशों ने हालांकि कहा कि इस तरह का आदेश सुनवाई की पहली तारीख को पारित नहीं किया जा सकता है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 10 जून तय की।