By अनन्या मिश्रा | Apr 30, 2023
ग्रह-नक्षत्रों से मनुष्य का गहरा नाता होता है। इसीलिए ग्रहों के हर बदलाव का असर व्यक्ति के जीवन पर भी देखने को मिलता है। वहीं व्यक्ति के क्रियाकलापों और उपायों से ग्रह प्रभावित होते हैं। ग्रहों को मजबूत करने से व्यक्ति के जीवन में बदलाव आता है। इस दृष्टि से गर्भवती महिलाएं अपनी गतिविधियों में कुछ बदलाव कर लें, तो गर्भ में पल रहे बच्चे की भी नवग्रह मजबूत हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को सारे सुख देना चाहते हैं। तो गर्भावस्था के दौरान आपको इन ज्योतिषीय उपायों को जरूर करना चाहिए।
पहला महीना
ज्योतिष के मुताबिक गर्भावस्था का पहला महीना शुक्र ग्रह के प्रभाव में होता है। इस दौरान आप सुंदर बनकर रहें और अपने प्रसाधन पर ध्यान दें। नियमित मेकअप आदि करें। बता दें कि इस महीने प्रेग्नेंट महिलाओं को बादामी रंग के कपड़े पहनने चाहिए और सफेद रंग के कपड़ों का दान करना चाहिए। शुक्र ग्रह सुख समृद्धि और सौंदर्य के कारक हैं। महिला की इन गतिविधियों से बच्चे की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
दूसरा महीना
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में मंगल ग्रह का प्रभाव अधिक रहता है। इसलिए इस महीने गर्भवती महिलाओं ज्यादा से ज्यादा लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। वहीं अगर संभव हो तो लाल कपड़े का दान करें। मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए हनुमानजी की पूजा-अर्चना करना चाहिए। इसके साथ ही अपने हाथ में लाल रंग का धागा पहनें और सुबह उठने के बाद सबसे पहले कोई लाल फल या लाल मिठाई खानी चाहिए।
तीसरा महीना
ज्योतिष के अनुसार प्रेग्नेंसी का तीसरा महीना बृहस्पति के नाम है। इसलिए इस महीने में अधिक से अधिक पीले कपड़े पहनने चाहिए। बच्चे की कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ का पूजन करना चाहिए। हालांकि तीसरे महीने में प्रतिदिन विष्णु भगवान की पूजा फलदायी होती है। साथ ही हाथ में पीला धागा जरूर बांधना चाहिए। सुबह उठकर सबसे पहले पीला फल या पीला भोजन करें और पीले कपड़े का दान करना चाहिए।
चौथा महीना
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने गर्भवती महिला को सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। बच्चे की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए पूरे महीने अधिक से अधिक नारंगी और लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए और हाथ में संतरी रंग का धागा पहनना चाहिए। इसके अलावा रोज सुबह उठकर थोड़ा सा गुड़ जरूर खाना चाहिए। बता दें कि चौथे महीने में महिला को अपनी रिंग फिंगर में तांबे की अंगूठी पहननी चाहिए। इस महीने अपने पिता या ससुर की सेवा करनी चाहिए।
पांचवा महीना
ज्योतिष के अनुसार प्रेग्नेंसी का चौथा महीना चंद्रमा के नाम है। बच्चे की कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने के लिए इस पूरे महीने बादामी रंग के कपड़े पहनें और हाथ में सफेद धागा बांधे। हर रोज चंद्रमा की रोशनी में बैठना चाहिए। भगवान शंकर की आराधना कर उन्हें जल चढ़ाएं। इस महीने अपनी मां व सास की सेवा करनी चाहिए और हो सके तो उन्हें चांदी के उपहार दें। इसके साथ ही हाथ में चांदी की अंगूठी धारण करें।
छठा महीना
शनिदेव को कर्मफल का देवता कहा जाता है। शनि ग्रह के कारण व्यक्ति का जीवन सबसे अधिक प्रभावित होता है। इसलिए अगर आप भी चाहती हैं कि शनि देव की कृपा आपके होने वाले बच्चे पर बनी रहे तो गर्भावस्था के छठे महीनें नीले, स्लेटी या काले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस दौरान शनि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। हर शनिवार को कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को सेवा करें और पक्षियों को सात तरह का दाना डालें। इसके साथ ही पक्षियों के लिए पानी भी रखें और अपने पैर में काले रंग का धागा पहनें।
सातवां महीना
बच्चे पर बुध ग्रह की कृपा पाने के लिए प्रेग्नेंसी के सातवें महीने हरे रंग के कपड़े पहनें और 8 साल से छोटी कन्याओं की सेवा करें और उन्हें खट्टी-मीठी गोलियां खिलाएं। इसके अलावा बुआ को हरे रंग का भोजन कराएं। हर बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने से बच्चे पर बुध ग्रह की कृपा होती है और वह बुद्धिमान होता है। बुधवार को आप अपने हाथों से हरे रंग के कपड़ों का दान करें।
आठवां महीना
गर्भावस्था का आठवां महीना फिर से चंद्रदेव के प्रभाव में होता है। इस महीने चंद्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए मां और सास की ज्यादा से ज्यादा सेवा करें। उन्हें चांदी का उपहार देने के साथ ही खुद भी चांदी धारण करें। इस दौरान सफेद कपड़ों का दान करना शुभ होता है। इसके अलावा हर सोमवार को भगवान शंकर को खीर का भोग लगाना चाहिए।
नौवां महीना
ज्योतिष के अनुसार गर्भावस्था का नवां महीना और आखिरी महीना एक बार फिर सूर्यदेव को समर्पित होता है। इस दौरान सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए ससुर व पिता की सेवा करनी चाहिए। इस महीने नारंगी व संतरी रंग के कपड़े पहनें और हाथ में तांबे की अंगूठी धारण करें। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने रोज पानी में गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।