नयी दिल्ली।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री
गोपाल राय ने सोमवार को भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है, लेकिन विपक्षी दल इसे मान नहीं रहे। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, जो कि इस मौसम का अधिकतम है। इससे पहले शनिवार को प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 प्रतिशत और बृहस्पतिवार को 36 प्रतिशत थी।
राय ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम बार-बार कह रहे हैं कि दिल्ली में दिवाली के आसपास प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के लिए पराली जलाना एक प्रमुख कारण है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली के प्रदूषण के पराली जलाने की हिस्सेदारी चार से छह प्रतिशत है, जबकि आंकड़ों के अनुसार यह 40 प्रतिशत है।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार जैव अपशिष्ट जलाने, वाहनों से होने वाले प्रदूषण और धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सफर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एक नवम्बर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ के उपग्रहों से ली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि पंजाब और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है। राय ने कहा कि नए आयोगों के गठन से अधिक जरूरी जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई करना है। केन्द्र ने हाल ही में एक अध्यादेश के माध्यम से एक नया कानून पेश किया था, जो वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक शक्तिशाली आयोग का गठन करता है।