By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 23, 2021
मुंबई। शेयर बाजारों में मंगलवार को बैंक और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में लिवाली से तेजी लौट आई। उच्चतम न्यायालय द्वारा बैंक कर्ज की किस्त चुकाने को लेकर दी गई छूट अवधि बढ़ाने और ब्याज से पूरी तरह छूट देने से इनकार करने के बाद बैंक शेयरों में तेजी आ गई। यही वजह रही कि बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 280.15 अंक यानी 0.56 प्रतिशत चढ़कर 50,051.44 अंक पर पहुंच गया।इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सूचकांक भी कारोबार की समाप्ति पर 78.35 अंक यानी 0.53 प्रतिशत बढ़कर 14,814.75 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट में सबसे अधिक 3.06 प्रतिशत की तेजी रही।इसके साथ ही इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक,एचडीएफसी बैंक, टाइटन, एक्सिस बैंक, स्टेट बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी बढ़त लेकर बंद हुये। इसके विपरीत ओएनजीसी, पावरग्रिड, आईटीसी, एनटीपीसी, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा और एचडीएफसी के शेयरों में 2.28 प्रतिशत तक की गिरावट रही। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कर्ज की किस्तों को चुकाने से दी गई छूट की अवधि को पिछले साल 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाने के केन्द्र और रिजर्व बैंक के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यह सरकार का नीतिगत निर्णय है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि जब तक सरकार का निर्णय दुर्भावनापूर्ण अथवा मनमाना नहीं होगा वह केन्द्र सरकार की वित्तीय नीतियों के फैसले की न्याययिक समीक्षा नहीं कर सकता है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि छह माह की रोक अवधि के दौरान बयाज पर ब्याज अथवा दंडात्मक ब्याज नहीं वसूला जायेगा लेकिन कहा कि ब्याज से पूरी तरह छूट नहीं दी जा सकती है क्योंकि इसका व्यापक वित्तीय प्रभाव होगा। रिलायंस सिक्युरिटीज के रणनीतिक प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा कि वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत मिलने के बावजूद वित्तीय कंपनियों के शेयरों में समर्थन मिलने से बाजार में तेजी का रुख रहा। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बैंक शेयरों में धारणा को बढ़ावा मिला। एशिया के अन्य बाजारों में शंधाई, हांग कांग, टोक्यो और सिओल के बाजारों में गिरावट दिखी वहीं, यूरोपीय शेयर बाजारों में प्रारंभिक रुझान नरम थे।
यूरोपीय बाजारों में कोविड संक्रमण बढ़ने के समाचारों से गिरावट का रुख रहा। वैश्विक बाजार मेंब्रेंट कच्चा तेल का भाव 3.53 प्रतिशत नीचे रहकर 62.34 डालर प्रति बैरल पर बोला जा रहा था। वहीं विदेशी मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले रुपया अपनी शुरुआती बढ़त गंवाने के बाद 6 पैसे गिरकर 72.43 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ। दुनिया की अन्य मुद्राओं में भी डालर के मुकाबले गिरावट का रुख रहा।