Tokyo Olympic 2020: क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली देश की पहली मुक्केबाज बनी लवलीना बोरगोहेन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 27, 2021

तोक्यो। भारत के लिये निशानेबाजी में सबसे बड़ी पदक उम्मीद मनु भाकर और सौरभ चौधरी की जोड़ी के नाकाम रहने से पदक का इंतजार मंगलवार को भी जारी रहा लेकिन पुरुष हॉकी टीम ने पिछले मैच में करारी हार से उबरकर स्पेन को शिकस्त दी जबकि महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) तोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली देश की पहली मुक्केबाज बनी। बैडमिंटन में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी दुर्भाग्यशाली रही और पुरुष युगल के तीसरे मैच में दूसरी जीत दर्ज करने के बावजूद नॉकआउट की दौड़ से बाहर हो गई। टेबल टेनिस के पुरुष एकल के तीसरे दौर में अनुभवी शरत कमल ने गत विश्व और ओलंपिक चैंपियन चीन के मा लोंग के खिलाफ शिकस्त के बावजूद अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। भारत के लिए दिन का पहला नतीजा असाका रेंज से आया।

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सौरभ चौधरी और मनु भाकर की जोड़ी को 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन क्वालीफिकेशन के पहले चरण में शीर्ष पर रहने के बाद दूसरे चरण में यह जोड़ी लय में नहीं दिखी और आखिर में उन्हें 380 के कुल स्कोर के साथ सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा। इस भारतीय जोड़ी ने पहले चरण में 582 अंक बनाये थे। सौरभ और मनु ने शुरू में कुछ उम्मीदें जगायी थी लेकिन सौरभ को मनु से पर्याप्त सहयोग नहीं मिला जिससे टीम की पदक की उम्मीदें समाप्त हो गयी। सौरभ ने दूसरे चरण में 194 (96 और 98) अंक बनाये लेकिन मनु 186 (92 और 94) अंक ही बना सकी। इस तरह से यह भारतीय जोड़ी 380 के कुल स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रही। अभिषेक वर्मा और यशस्विनी सिंह देसवाल की एक अन्य भारतीय जोड़ी इस स्पर्धा के पहले चरण में 564 अंक के साथ 17वें स्थान पर रहने के कारण शुरू में ही बाहर हो गयी। चोटी की आठ टीमें ही दूसरे चरण के क्वालीफिकेशन में प्रवेश करती हैं।

भारत की दो जोड़ियों ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन वे क्वालीफिकेशन के पहले चरण से भी आगे नहीं बढ़ पायी। इलावेनिल वालारिवान और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी 626.5 अंक बनाकर 12वें तथा अंजुम मोदगिल और दीपक कुमार की जोड़ी 623.8 अंक बनाकर 29 जोड़ियों के बीच 18वें स्थान पर रही। ओलंपिक में पहली बार मिश्रित टीम स्पर्धाओं को शामिल किया गया है। निशानेबाजी रेंज की निराशा को पुरुष हॉकी टीम ने कुछ हद तक दूर किया जिसने ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के दो गोल की बदौलत पूल ए के अपने तीसरे मैच में स्पेन को 3-0 से हराया। दुनिया की नौवें नंबर की टीम स्पेन के खिलाफ भारत की ओर से रूपिंदर (15वें और 51वें मिनट) ने दो जबकि सिमरनजीत सिंह (14वें मिनट) ने एक गोल दागा। दुनिया की चौथे नंबर की टीम भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर विजयी शुरुआत की थी लेकिन पिछले मैच में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में उसे 1-7 की करारी हार का सामना करना पड़ा था।

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मुक्केबाजी रिंग में उतरने वाली लवलीना मंगलवार को एकमात्र भारतीय मुक्केबाज रहीं और उन्होंने प्रशंसकों को निराश नहीं किया। पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना प्री क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर भारत की नौ सदस्यीय टीम से अंतिम आठ में जगह बनाने वाली पहली खिलाड़ी बनी। बैडमिंटन पुरुष युगल में सात्विक और चिराग की दुनिया की 10वें नंबर की जोड़ी ने मुसाशिनो फॉरेस्ट स्पोर्ट्स प्लाजा में ग्रुप ए के अपने तीसरे मैच में बेन लेन और सीन वेंडी की ब्रिटेन की दुनिया की 18वें नंबर की जोड़ी को 44 मिनट चले मुकाबले में 21-17, 21-19 से हराकर ग्रुप में दूसरी जीत दर्ज की। चीनी ताइपे की यैंग ली और ची लिन वैंग की दुनिया की तीसरे नंबर की जोड़ी ने हालांकि मार्कस फर्नाल्डी गिडियोन और केविन संजय सुकामुल्जो की इंडोनेशिया की दुनिया की नंबर एक जोड़ी को 21-18, 15-21, 21-17 से हरा दिया जिससे सात्विक और चिराग टूर्नामेंट से बाहर हो गए। भारत, इंडोनेशिया और चीनी ताइपे तीनों जोड़ियों ने दो-दो जीत दर्ज की थी लेकिन चीनी ताइपे और इंडोनेशिया की जोड़ियां ग्रुप चरण में गेम जीतने और हारने के बीच बेहतर अंतर के कारण शीर्ष दो स्थान पर रहते हुए नॉकआउट में पहुंचने में सफल रही।

इंडोनेशिया की जोड़ी का गेम अंतर प्लस तीन, चीनी ताइपे का प्लस दो और भारत का प्लस एक रहा। टेबल टेनिस पुरुष एकल में अपने अनुभव, कौशल और जज्बे का अच्छा नमूना पेश करने के बावजूद शरत कमल चीन के मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन मा लोंग से 1-4 से हार गये। उनकी हार के साथ तोक्यो ओलंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता में भारत की चुनौती भी समाप्त हो गयी। अपना चौथा ओलंपिक खेल रहे 39 वर्षीय शरत ने तीसरे दौर के इस मैच में अपने मजबूत प्रतिद्वंद्वी को पहले तीन गेम में कड़ी चुनौती दी लेकिन आखिर में उन्हें 46 मिनट तक चले मैच में 7-11, 11-8, 11-13, 4-11, 4-11 से हार का सामना करना पड़ा। शरत और मनिका बत्रा दोनों पहले भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीसरे दौर में प्रवेश किया।

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